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Bhopal Roads: मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर आरके मेहरा ने बताया, मप्र में 81,000 किमी सड़कों का नेटवर्क है। इनमें से 9,315 किमी हाइवे, 12,568 किमी स्टेट हाईवे, 25,420 किमी जिला मार्ग और 33,697 किमी ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। भोपाल में खराब सड़कों का मेंटीनेंस किया जा रहा है।

Bhopal Roads: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत अन्य शहरों में सड़कों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। भोपाल में ही कई सड़कें पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस पर पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर सफाई दी है। इंजीनियर इन चीफ आरके मेहरा ने कहा,  PWD की ज्यादातर सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी के आधीन है। निर्माण कंपनियां ही मेंटीनेंस करती हैं। नगर निगम व अन्य एजेंसियों द्वारा निर्मित सड़कों के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। 

लोक निर्माण विभाग के ईएनसी आरके मेहरा ने बताया, मप्र में कुल 81,000 किमी सड़कों का नेटवर्क है। इसमें 9,315 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग, 12,568 किमी स्टेट हाईवे, 25,420 किमी मुख्य जिला मार्ग और 33,697 किमी ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।

PWD ENC RK Mehra on Bhopal roads
भोपाल की क्षतिग्रस्त सड़कों पर सफाई देते लोक निर्माण के इंजीनियर आरके मेहरा व अन्य।

भोपाल शहर में सड़कों की स्थिति

  • भोपाल शहर में लोक निर्माण विभाग की 573 किमी सड़कें हैं, इनमें से 400 किमी सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी के तहत आती हैं। सिर्फ 173 किमी सड़कें हैं, जो बारिश के चलते डामर की सतह क्षतिग्रस्त हो जाती है, उनकी मरम्मत की जा रही है।
  • आरके मेहरा ने बताया, भोपाल शहर की 14 सड़कों पर 22 किमी की लंबाई में लगभग 523 वर्गमीटर में गड्ढे मिल हैं। इनमें से 6 सड़कों की मरम्मत की जा चुकी है। शेष में भी शीघ्र मरम्मत का कार्य किया जाएगा। 
  • अधीक्षण यंत्री ने 6 अगस्त को इन सड़कों का निरीक्षण किया, जिसमें वर्षा ऋतु के कारण शहर की 3 प्रतिशत सड़कों में गड्ढे मिले हैं। इनमें से अधिकांश की मरम्मत कर दी गई है।

लोक पथ ऐप में मिलीं 1868 शिकायतें 
सड़कों की मरम्मत को प्रभावी बनाने लोक पथ मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति सड़कों में गड्ढों की फोटो अपलोड कर शिकायत कर सकता है। विभाग को इस ऐप के जरिए अब तक 1868 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 1,662 का निराकरण कर दिया गया है। विभाग ने कुछ जगह 100 एमएम पेवर ब्लॉक का उपयोग कर मरम्मत कराया है। 

600 किमी सड़कों का तकनीक आधारित रखरखाव 
आरके मेहरा ने बताया, पीडब्ल्यूडी में विभाग ने 600 किमी की सड़कों का रखरखाव नई तकनीक के उपयोग से किया जा रहा है। इनमें जेट पेचर, वेलोसिटी पेचर और इन्फ्रारेड तकनीक शामिल हैं। भविष्य में शहरी मार्गों को बार-बार क्षतिग्रस्त होने से बचाने वाइट टॉपिंग तकनीक का उपयोग करने की योजना है।
लोक निर्माण विभाग के प्रयासों से प्रदेश की सड़कों की स्थिति में सुधार आएगा और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। 

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