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अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी दिन मध्यप्रदेश के कई घरों में किलकारियां गूंजी। सूबे में 700 से ज्यादा बच्चे पैदा हुए। जिनके घर बेटा हुए उन्होंने राम या लक्ष्मण नाम रखा। जहां बच्चियां पैदा हुईं। अधिकांश माता-पिता ने सीता नाम रखा।

भोपाल। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जा रहा था। ठीक उसी समय मध्यप्रदेश में राम और लक्षण और सीता की किलकारी गूंजी। छतरपुर के जिला अस्पताल में एक महिला ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। नाम रखा राम और लक्ष्मण। वहीं भोपाल के एम्स में एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के पिता ने उसका नाम सीता रखा। इसी तरह दमोह के जिला अस्पताल में जन्म के बाद महिला ने अपनी बच्ची का नाम सीता रखा।

एम्स भोपाल: 9 बच्चों का जन्म, 
भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में सोमवार को 9 बच्चों का जन्म हुआ। पांच लड़के तो चार बच्चियां पैदा हुईं। एक महिला ने अपनी बच्ची का नाम सीता रखा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन बच्चों की किलकारी गूंजी ने माता-पिता और परिजन खुशी के मारे उत्साह मनाने लगे। एम्स के डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने बच्चों की मां और परिजनों को बधाई देने के साथ मिलाकर खुशियां बांटी।  

हमें ऐसा लग रहा, जैसे हमारे घर साक्षात भगवान राम और लक्ष्मण जन्में हैं 
छतरपुर जिले के बसाटा निवासी ममता रैकवार ने सोमवार को जिला अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। ममता के पति भवानीदीन रैकवार ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, हमें इस बात की खुशी है कि जहां अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, वहीं हमें दो जुड़वा पुत्र मिले हैं। जो बड़े का नाम राम और छोटे का लक्ष्मण रखा है। हमें ऐसा लग रहा है कि जैसे हमारे घर साक्षात भगवान श्रीराम और लक्ष्मण का जन्म हुआ हों। दोनों बच्चों की जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने बताया कि दोनों का वजन 3 किलो के करीब है। दोनों स्वस्थ हैं। 

सीधी अस्पताल में बच्चों को सजाया, पूजा-अर्चना कर बांटी खुशियां 
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर सीधी जिला अस्पताल में रंगारंग कार्यक्रम किया गया। अस्पताल में जन्मे बच्चे और एसएनसीयू में भर्ती बच्चों को भगवान राम, लक्ष्मण, सीता की वेशभूषा में तैयार किया गया। अस्पताल की सिविल सर्जन डॉक्टर डॉ. दीपा रानी इसरानी ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के दिन हमारे डॉक्टरों और स्टाफ ने साफ-सफाई कर अस्पताल को सजाया। भगवान राम की रंगोली बनाई और पूजा-अर्चना भी की गई। प्रसाद बांटकर मरीजों और डॉक्टरों ने एक दूसरे को बधाई देते हुए खुशियां बांटी। बता दें कि अस्पताल में 22 जनवरी को 15 बच्चों का जन्म हुआ। कई बच्चों के नाम माता-पिता ने राम, लक्ष्मण और सीता रखे। 

Sidhi District Hospital

छतरपुर: 31 माताओं ने जिला अस्पताल में दिया बच्चों को जन्म 
छतरपुर जिला अस्पताल में 31 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया। 24 नॉर्मल और 8 सिजेरियन डिलीवरी हुईं। 19 बेटे और 13 बेटियों की किलकारियां हॉस्पिटल में गूंजीं। बच्चे और बच्चियों के राम और सीता के नाम पर रखे गए। हॉस्पिटल में बच्चों की किलकारियां गूंजने पर परिजनों और जन्म देने वाली महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। सभी ने जमकर खुशियां मनाईं। 

दमोह: 80 बच्चों का जन्म, अधिकांश के नाम राम, लक्ष्मण या सीता 
दमोह जिले में सोमवार को लगभग 80 बच्चों का जन्म हुआ। अधिकांश माता-पिता ने अपने बच्चों का नाम राम, लक्ष्मण और सीता के नाम पर रखा। दमोह जिला अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि माताएं और उनके परिवार के सदस्य इस बात से काफी खुश थे कि उनके बच्चों का जन्म प्राण प्रतिष्ठा के दिन हुआ। बच्चों के जन्म के बाद अस्पताल की नर्स ने पूछा कि क्या नाम रखोगे तो जिन महिलाओं को बच्ची हुई उन्होंने कहा कि हम तो सीता रखेंगे। जिनको बेटे हुए उन महिलाओं ने कहा कि हम तो राम या लक्षण रखेंगे।  

लड़कियों से ज्यादा लड़कों का हुआ जन्म 
हरिभूमि ने मध्यप्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों से बात की तो पता चला कि 22 जनवरी को 700 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 52 फीसदी लड़के और 48 फीसदी लड़कियां पैदा हुई हैं।  अकेले राजधानी भोपाल में ही 170 के करीब डिलीवरी हुईं। इसके अलावा, ग्वालियर में 93, इंदौर में 50 और शिवपुरी में 33 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ।

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