भोपाल। अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में आगामी 22 जनवरी को भागवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसको लेकर राजधानी सहित प्रदेश भर में उत्साह है और तैयारियों का दौर जारी है। प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह बढ़ाने के लिए संस्कृति विभाग ने कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करने की योजना बनाई है। इनमें प्रभात फेरी, रामलीला, स्कूली छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और राम मंदिरों के पास स्वच्छता अभियान शामिल है।
11 जनवरी से 22 जनवरी तक चलेंगे कार्यक्रम
कार्यक्रम 11 जनवरी से शुरू होंगे और 22 जनवरी तक चलेंगे। इसी प्रकार रामायण केंद्र ने पुजारियों के सम्मान और मित्र संगोष्ठी की रूपरेखा बनाई गई है। मूल उद्देश्य, अयोध्या कार्यक्रम में सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करना है।
संस्कृति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो ग्रंथों (रामचरित मानस व रामायण) और राम के जीवन की घटनाओं के बारे में बच्चों के ज्ञान का परीक्षण करने के लिए स्कूलों में सप्ताह भर की प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। प्रदेश में 6,500 से अधिक राम मंदिर हैं। इन मंदिरों के आसपास विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा, ताकि ये साफ-सुथरे रहें। प्रदेश भर में कस्बों एवं गांवों में नगरीय निकायों एवं पंचायतों के सहयोग से प्रभात फेरी निकाली जाएगी।
11 जनवरी से आरंभ होगा ‘निषादराज’, ‘शबरी’ और ‘हनुमान’ का मंचन
मप्र के 22 जिलों के 28 आस्था स्थलों पर संस्कृति विभाग द्वारा तैयार वनवासी रामलीला ‘निषादराज’, ‘शबरी’ और ‘हनुमान’ और ‘गोंडी रामायण’ का मंचन 11 जनवरी से आरंभ हो रहा है। इसी प्रकार ओरछा, चित्रकूट और उज्जैन जैसे भव्य राम मंदिरों वाले शहरों में स्थानीय मंडलियों द्वारा रामलीलाओं का मंचन किया जाएगा। 22 जनवरी को सार्वजनिक स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी,ताकि लोग बड़ी स्क्रीन पर अयोध्या के कार्यक्रम को देख सकें।
राम मंदिर के पुजारियों का सम्मान होगा
इधर, रामायण केंद्र, भोपाल राजधानी स्थित राम मंदिरों की सूची बना रहा है। इसके माध्यम से मंदिर के पुजारियों और अन्य पदाधिकारियों को सम्मानित करने की योजना है। रामायण केंद्र के संयोजक राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि रामायण के अनुसार जहां राम हैं, वहां अयोध्या है, तो हमारे लिए हर राम मंदिर अयोध्या मंदिर है। राम मंदिर शुभारंभ के पखवाड़े में रामायण केंद्र की भोपाल, सागर तथा इंदौर ईकाई द्वारा मित्र सत्संग संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी।पखावाड़े के अंतिम दिन 21 जनवरी को सम्मान किया जाएगा।