Recruitment scam in MP : सरकारी नियुक्तियों में गड़बड़ी का यह मामला मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में सामने आया है। गत वर्ष 14 और 15 दिसम्बर को मप्र जल निगम मर्यादित परियोजना क्रियान्वयन इकाई पन्ना में 13 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, लेकिन इसकी नियुक्त प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर शिकायत मिलने के बाद महाप्रबंधक ने सेडमैप के नोडल अधिकारी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जल निगम में आए आवेदनों के आधार पर कर्मचारियों के साक्षात्कार लिए जाने थे। साक्षात्कार के बाद ही सिलेक्शन करना था। नियुक्त की यह प्रक्रिया सेडमैप के नोडल अधिकारी ने 14-15 दिसम्बर की तिथि तय की थी, लेकिन सेडमैप के अधिकारी इस तिथि को पन्ना नहीं पहुंचे और सीधे नियुक्ति पत्र दे दिए।
30 हजार रिश्वत लिए जाने की शिकायत
जल निगम परियोजना पन्ना के महाप्रबंधक ने 19 दिसम्बर को पत्र जारी कर सेडमैप के आपत्ति जताई थी। साथ ही लिखा है कि साक्षात्कार के लिए निर्धारित डेट को सेडमैप का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। एक आवेदक ने इसमें 30 हजार रुपए रिश्वत लिए जाने की शिकायत भी की है। यह भी लिखा कि भविष्य में साक्षात्कार के लिए उचित माध्यम अभ्यर्थी की सूची के साथ कार्यालय का जिम्मेदार कर्मचारी ही भेंजे एवं उक्त शिकायत का गंभीरता से विश्लेषण करें। महाप्रबंधक ने उक्त शिकायती पत्र की प्रतिलिपि परियोजना निदेशक, मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित भोपाल को भी भेजी है।
एनजीओ संचालक हुआ था गिरफ्तार
जल निगम में भर्ती फर्जीवाड़े का कोई पहला मामला नहीं है। एक साल पहले भी सममें व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां हुईं थीं। तब 10-10 हजार रुपए लेकर नियुक्ति पत्र बांटे जाने की बात सामने आई थी। सागर पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोपी को गिरफ्त भी किया था। सागर पुलिस को 4-5 लोगों ने जालसाजी की शिकायज दर्ज कराई थाी। उन्होंने 12 लोगों से जालसाजी की आशंका जताई थी। इसमें एनजीओ संचालक भूपेंद्र नामदेव का नाम सामने आया था।