Raisen Child Labour liquor factory: रायसेन में मासूम बच्चों से शराब फैक्ट्री में काम करवाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बच्चों से शराब भराई का काम कराए जाने पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। गंभीर लापरवाही सामने आने पर मुख्यमंत्री ने बड़ा एक्शन लिया है। सीएम के निर्देश पर जिला आबकारी प्रभारी समेत तीन आबकारी उपनिरीक्षक और श्रम निरीक्षक को निलंबित कर दिया है।
सीएम की एक्स पर पोस्ट
सीएम मोहन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि यह मामला बेहद गंभीर है। श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रायसेन जिले में फैक्ट्री पर छापे के दौरान बालश्रम का मामला मेरे संज्ञान में आया है।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 15, 2024
यह मामला बेहद गंभीर है। इस संबंध में श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की है और समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की…
59 बच्चों का किया था रेस्क्यू
बता दें कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने शनिवार को अपनी टीम के साथ सेहतगंज स्थित सोम डिस्टलरी में दबिश दी थी। यहां से 59 बाल मजदूरों का रेस्क्यू किया था। इनमें 20 लड़कियां भी शामिल हैं। रेस्क्यू किए गए बच्चे रायसेन और भोपाल जिले के हैं।
इन अधिकारियों को किया निलंबित
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन से शिकायत मिली थी कि फैक्ट्री में बच्चों से 15 से 16 घंटे तक काम कराया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद जिला आबकारी प्रभारी कन्हैयालाल अतुलकर, उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, उप निरीक्षक शैफाली वर्मा और उप निरीक्षक मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है। श्रमायुक्त ने श्रम निरीक्षक राम कुमार श्रीवास्तव को भी निलंबित कर दिया है।
बिस्किट फैक्ट्री में मारा था छापा
इससे पहले शुक्रवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम ने रायसेन के मंडीदीप में छापा मारा था। यहां बिस्किट बनाने वाली एक फैक्ट्री में 21 बाल श्रमिक मजदूरी करते मिले। कुल 3 संस्थानों से 36 बच्चों का रेस्क्यू किया था। इनमें छिंदवाड़ा और अन्य राज्यों के आदिवासी बच्चे होने की जानकारी मिली।