भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में एफडी घोटाले के आरोपी पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत की 3 दिन की रिमांड के दौरान कई खुलासे हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ने गबन की राशि से ग्वालियर में दो बिल्डिंग तयार कराई थी, जिसमें एक चार मंजिला और दूसरी पांच मंजिला इमारत थी। उसने अपने एक भवन को किराए पर दे रखा था। साथ ही आरोपी ने गबन की राशि से 17 लाख 64 हजार रूपए अपने परिजनों के खातों में जमा कराए थे।
30 लाख की नकदी और आईफोन जब्त
एफडी घोटाले में आरोपी राजपूत लंबे समय तक फरार चल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाल ही में उन्होने भोपाल अदालत में सरेंडर कर दिया था। गांधी नगर पुलिस ने राजपूत को एफडी घोटाले से जुड़ी पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड पर लिया था। प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपी से पूछताछ की गई तो गबन की राशि से 1 करोड़ 60 लाख के दो भवन निर्माण का खुलासा हुआ। वहीं रिमांड के दौरान निशानदेही पर 30 लाख रुपए नकद और 2 एप्पल कंपनी के मोबाइल जब्त किए गए। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ने आरोपी रजिस्ट्रार को अदालत में पेश किया गया। जहां से आरोपी को केंद्रीय जेल भोपाल भेज दिया गया।
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रजिस्ट्रार ने तैयार की थी नोटशीट
पुलिस की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आरजीपीवी के 19.48 करोड़ रूपए ट्रांसफर करने नोटशीट में गलत तथ्यों को लिखा गया। दलित संघ सोहागपुर में मयंक कुमार के अकाउंट को आरजीपीवी का अकाउंट बताया गया और यह नोटशीट पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत द्वारा ही तैयार कराई गई थी। वहीं ट्रांजेक्शन के लिए लगाए गए चेक में पूर्व रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर के साइन किए गए थे। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई थी, जो मामले की जांच कर रही है।