MP Road Accident: मध्य प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे तेज रफ्तार वाहन लोगों की जान ले रहे हैं। रोज 380 से अधिक एक्सीडेंट हो रहे हैं। गंभीर चोट और इलाज में देरी के चलते 10 फीसदी लोग जान गंवा रहे हैं। इतने की लोग अपंग होकर जीवनभर का दर्द झेलते। चौकाने वाले आंकड़े एंबुलेंस 108 के हैं।
भोपाल स्थित 108 एम्बुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 11 माह में 1 लाख 26 हजार 015 एक्सीडेंट हुए हैं। इनमें से 6415 हादसे तो अकेले सागर जिले में हुए हैं। घायलों की जान बचाने एम्बुलेंस 108 दौड़ी, लेकिन इलाज के अभाव या गंभीर चोट के चलते 3 फीसदी लोगों की मौत हो गई।
MP के इन जिलों में सबसे कम हादसे
जिला | 2023 | 2024 जनवरी से नवंबर |
सीहोर | 1009 | 897 |
उमरिया | 1003 | 891 |
डिंडौरी | 1024 | 907 |
हरदा | 1091 | 947 |
नीमच | 1220 | 976 |
बुरहानपुर | 1026 | 835 |
आगर | 1251 | 1257 |
इंदौर-भोपाल से ज्यादा सागर में हादसे
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक सड़क हादसे सागर जिले में और सबसे कम एक्सीडेट उमरिया जिले में होते हैं। सागर में गत वर्ष 6305 एक्सीडेंट हुए थे। जबकि, इस वर्ष 11 महीने में ही 6415 एक्सीडेंट हो गए। एक्सीडेंट के मामले में इंदौर, भोपाल, धार, जबलपुर छिंदवाड़ा और रीवा जिला भी रेड जोन में है। सर्वाधिक हादसे इन्हीं जिलों में होते हैं।
MP के इन जिलों में सबसे ज्यादा हादसे
जिला | 2023 | 2024 जनवरी से नवंबर |
सागर | 6305 | 6415 |
इंदौर | 5714 | 6075 |
भोपाल | 5115 | 5390 |
धार | 4967 | 4517 |
जबलपुर | 4624 | 4148 |
छिंदवाड़ा | 4251 | 3858 |
रीवा | 3977 | 4016 |
सड़क एक्सीडेंट के 5 मुख्य कारण
- यातायात नियमों की जानकारी का अभाव।
- सड़क के गड्ढे और जगह-जगह ब्लैक स्पॉट होना।
- जल्दबाजी और ओवर स्पीड।
- शराब के नशे में वाहन ड्राइविंग ।
- वहानों में क्षमता से अधिक सवारी लेकर चलना।
मददगार साबित हो रही एम्बुलेंस सेवा
- मध्यप्रदेश 108 एम्बुलेंस सेवा के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने बताया कि ज्यादातर हादसों में मौत इसलिए होती है क्योंकि लोग हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाते। ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए हेलमेट जरूर लगाएं।
- हादसे के बाद निजी वाहन की जगह एम्बुलेंस का उपयोग करें। क्योंकि इनमें जीवन रक्षक उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद होता है। जो घायल लोगों की रक्षा करने में काफी मददगार साबित होता है।
- आपात स्थिति में 108 पर कॉल करें। एम्बुलेंस कर्मचारी पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता से इमरजेंसी सेवाओं के लिए तत्पर रहते हैं।
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55 जिलों में 2000 से ज्यादा एम्बुलेंस मौजूद
मध्य प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद के लिए 55 जिलों में 2000 से ज्यादा एम्बुलेंस दौड़ रही हैं। इनकी मदद से प्रतिदन 7000 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाने और वापस घर छोड़ने का काम किया जाता है। मौत उन्हीं मरीजों की होती है, जिन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता या फिर सिर में गंभीर चोट होती है।
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