BJP Organization election: बीजेपी मंडल अध्यक्षों की सूची आते ही बावाल, MP के इस जिले में हो रहा विरोध
BJP Mandal presidents List: मध्य प्रदेश के सतना जिले में बीजेपी ने 25 मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों की सूची जारी की है। सूची में शामिल कुछ नामों को लेकर कार्यकर्ताओं ने असहमति जताई है।;

BJP Mandal presidents List: मध्य प्रदेश भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में इन दिनों संगठन चुनाव चल रहे हैं। सतना जिले में पार्टी नेतृत्व ने मंगलवार (17 दिसंबर) को 25 मंडल अध्यक्षों की सूची घोषित की, लेकिन सूची सार्वजनिक होते ही बवाल मच गया। बीजेपी कार्यकर्ता नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों को लेकर विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जिन लोगों ने संगठन के लिए कोई काम नहीं किया, उन्हें मंडल अध्यक्ष जैसे महत्पूर्ण पद सौंपे जा रहे हैं।
उम्र का बंधन भी तोड़ा
सतना जिले के 25 मंडल अध्यक्षों की सूची मंगलवार (17 दिसंबर) रात जारी की गई। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में रमेश सिंह धुर्वे, कामता यादव, प्रमोद द्विवेदी, मनीष त्रिपाठी और विनीता शिवहरे को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि, विनीता शिवहरे का नाम विवादों में है, क्योंकि वह 45 वर्ष से अधिक उम्र की हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में कोई उन्हें जानता तक नहीं है।
सतना विधानसभा में सर्वाधिक विरोध
- सतना विधानसभा क्षेत्र में मंडल अध्यक्षों को लेकर सर्वााधिक विरोध है। बाबूपुर मंडल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां जिस अग्निवेश शुक्ला को अध्यक्ष बनाया गया है, उनका नाम क्षेत्र की वोटर लिस्ट में तक नहीं है। उन्होंने कभी संगठन के लिए काम भी नहीं किया।
- अटल बिहारी वाजपेयी मंडल में भी पूजा गुप्ता का विरोध हो रहा है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि पूजा गुप्ता ने तो कभी दावेदारी तक नहीं की। न ही किसी ने उनके नाम सिफारिश की है। पूजा के पिता पार्टी की खिलाफत कर चुके हैं। फिर भी उन्हें मंडल अध्यक्ष बना दिया गया। कार्यकर्ताओं में इसे लेकर भारी आक्रोश है।
यह भी पढ़ें: पन्ना प्रमुख की तरह काम करेंगे वाट्सएप प्रमुख, भोपाल के रामकुमार चौरसिया को बड़ी जिम्मेदारी
25 मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि
सतना जिले 5 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी ने 25 मंडल बनाए हैं। हर मंडल में सर्वसम्मति से अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि की नियुक्ति की जानी थी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव अधिकारी से मिलकर खास लोगों की नियुक्ति करा दी। इससे जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ता निराश हैं।