Logo
Satna Narayan Pond Burst: मध्यप्रदेश के सतना में बड़ी घटना हो गई। नारायण तालाब मंगलवार को अचानक फूट गया। तेज बहाव के साथ पानी घरों में पहुंचा तो अफरा-तफरी मच गई। लोगों की गृहस्थी का सामान तहस-नहस हो गया।

Satna Narayan Pond Burst: सतना में मंगलवार को अचानक नारायण तालाब फूट गया। तेज बहाव के साथ पानी आसपास के मोहल्लों में पहुंच गया। सैकड़ों घरों में घुटने तक पानी भरने से अफरा-तफरी मच गई। पानी ने तबाही मचाकर लोगों की गृहस्थी नष्ट कर दी है। कई बाइकें भी पानी में बह गईं। दो लड़के भी बहाव के बीच फंस गए। पुलिस ने दोनों को बाहर निकाला। फिलहाल कड़ी मशक्कत के बाद नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम ने घरों से पानी को बाहर निकाला।  

घरों से पानी निकालने काम का शुरू 
तालाब फूटने की सूचना मिलते ही महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा नगर निगम आयुक्त शेर सिंह मीणा मौके पर पहुंचे। होमगार्ड के अमले के साथ ही राजस्व टीम और पुलिस बल को बुलाया गया। फिलहाल मोहल्ले और घरों में भरे पानी को बाहर निकाले का काम शुरू कर दिया गा है। मशीनें लगा कर तालाब की टूटी मेढ़ की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। 

मेयर बोले-ज्यादा पानी होने से फूटा तालाब 
सतना के महापौर योगेश ताम्रकार का कहना है कि इस बार बारिश अच्छी हुई। तालाब में क्षमता से ज्यादा पानी था।  बारिश के कारण कई महीने से काम बंद था। किसी ने ध्यान नहीं दिया, तालाब से पानी रिसता रहा। अंदर ही अंदर मिट्टी गिली होती रही और आज तालाब अचानक फूट गया। हम लोग मौके पर पहुंचे और घरों से पानी बाहर निकलवाने का काम शुरू करवाया। अब सभी घरों से पानी निकल गया है। महापौर ने बताया कि पिछले चार साल से सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। एक एजेंसी चली गई। फिर दोबारा टेंडर किया और अब दूसरी एजेंसी काम कर रही है। 

लोग बोले-सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार 
उतैली के धीरज और शिवाकांत का कहना है कि नारायण तालाब के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। 70 साल पुराने तालाब की मेढ़ पहले कभी नहीं टूटी थी लेकिन ठेकेदार के लोगों ने जानबूझ कर इसे काटा दिया है। इसी कारण तालाब फूट गया। घरों में पानी भरने से लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। लोग नगर निगम प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

पूरे साल रहता है पानी से लबालब 
नारायण तालाब शहर का ऐतिहासिक तालाब है। शहर के बीचों बीच स्थित यह इकलौता तालाब है, जो पूरे साल पानी से लबालब रहता है। जिस कारण न सिर्फ आसपास की कॉलोनियों का जलस्तर बेहतर बना रहता है, बल्कि बड़ी संख्या में लोग इसके पानी नहाने धोने में उपयोग करते थे। 

फिल्टर प्लांट से आता है पानी 
नारायण तालाब के पास स्थित फिल्टर प्लांट स्थित है। जिससे रोजाना हजारों लीटर पानी ओवर फ्लो होकर तालाब में मिलता है। जितना पानी फिल्टर प्लांट से आता है, लगभग उतना ही तालाब से ओवर फ्लो होकर नालियों के जरिए बह जाता है। 

सौंदर्यीकरण: 15 साल में 25 करोड़ से ज्यादा खर्च 
नारायण तालाब सौंदर्यीकरण में पिछले 15 साल में 25 करोड़ खर्च से ज्यादा खर्च कर दिए गए हैं। सौन्दर्यीकरण की शुरूआत महापौर पुष्कर तोमर के कार्यकाल में हुई थी। उन्होंने तालाब के अंदर भगवान भोलेनाथ की आदमकद मूर्ति बनवाई। इसके बाद मेयर ममता पांडेय ने तालाब की मेढ़ पर पैवेल्स लगवाकर मंदिर का निर्माण कराया। इस बीच स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कर नए सिरे से इसका सौंदर्यीकरण शुरू किया गया। इसके लिए पूर्व में कराए गए निर्माण कार्य तुड़वा दिए गए। 

4 साल बाद 75 फीसदी काम, 55 फीसदी भुगतान
वर्तमान में नारायण तालाब का सौन्दर्यीकरण 9.70 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। इसका वर्क आर्डर 2 अक्टूबर 2021 को भोपाल की एक कंपनी को सौंपा गया था। उसे 12 महीने में पूरा करना था, लेकिन 4 साल बाद 75 फीसदी काम ही हुआ है। स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अफसरों ने कई बार चेतावनी दी, लेकिन ब्लैक लिस्टेड करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। प्रोजेक्ट हेड उपयंत्री प्रवीण जयसवाल हैं। कंपनी को 55 फीसदी भुगतान भी किया जा चुका है। 

CH Govt
5379487