भोपाल। दीपेश कौरव, अतिथि शिक्षकों के राजधानी भोपाल में बड़े प्रदर्शन के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए गए एक बयान ने तूल पकड़ लिया है। जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नियमितिकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है अतिथि। आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या? स्कूल शिक्षा मंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जहां शिक्षक कम हैं, वहां उनको लगाया जाता है। पिछले दिनों वो आए थे। हम लोगों ने बैठक की थी। उनके जो दो-तीन विषय हैं, उन पर हम लोग काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश होगी कि कोई अतिथि शिक्षक लगता है तो पूरे एकेडमिक सेशन में काम कराया जाए। उनके हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

उन्होंने आगे कहा कि जब विभाग ये मानता है कि अतिथि शिक्षक महत्वपूर्ण हैं तो उनको चिंता नहीं करना चाहिए। अतिशेष शिक्षकों को लेकर काम हुआ है। एक बार युक्तियुक्तकरण हो जाने से 12-13 हजार शिक्षकों की कमी की पूर्ति हुई। स्वाभाविक है जहां पूर्ति हो गई, वहां अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे? अगर भर्ती करेंगे तो उनकी सैलरी कहां से देंगे? सरकार और विभाग को चलाने में वित्तीय प्रबंधन और न्यायसंगत चीजों का समायोजन करना पड़ता है। चाहे शिक्षक हों, अतिथि शिक्षक हों...न्यायालयीन प्रकरण अभी पेंडिंग हैं, उनमें सरकार की तरफ से तेजी लाने के लिए हम पूरी कार्रवाई कर रहे हैं। शिक्षकों के संबंध में पूरी चिंता कर रहे हैं। मंत्री के बयान को लेकर अब अतिथि शिक्षकों ने प्रदेशभर में विरोध की बात कही है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा: मांगें माफी
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि स्कूल शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। पटवारी ने कहा- कब्जा क्या होता है? आप व्यवस्था के अंतर्गत अतिथि शिक्षकों को रखते हो। वे सेवाएं देते हैं। आप सेवाएं लेना चाहते हैं और बाद में अपमानित करना चाहते हो। वो भी मंत्री यानी सरकार का एक नुमाइंदा। एक मंत्री का बयान मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। मैं मानता हूं कि शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा भी कांग्रेस के अन्य नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। 

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उमंग सिंघार ने कहा- ऐसी भाषा बोलने वालों की नकेल कसें
स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा है कि वाह शिक्षा मंत्री जी, आपके बोल बीजेपी के संस्कार और सभ्यता वाली शिक्षा दर्शाते हैं। अतिथि शिक्षकों के बारे में आपने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया वह घोर आपत्तिजनक है। जिस देश में बच्चों को अतिथि देवो भव के संस्कार दिए जाते हों, वहां नेताओं के ऐसे बोल शोभा नहीं देते। अतिथि शिक्षकों के जो अधिकार हैं, वो तो उन्हें मिलना ही चाहिए और कांग्रेस उन्हें वो दिलाकर रहेगी। अब सीएम डॉ. मोहन यादव की जिम्मेदारी है कि वे ऐसी भाषा बोलने वालों की नकेल कसें।

यह है पूरा मामला
प्रदेश में लंबे समय से अतिथि शिक्षक नियमितिकरण करण अन्य मांगो को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में 10 सितंबर को प्रदेशभर से भोपाल पहुंचे करीब 8 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान भोपाल में तिरंगा यात्रा निकालकर प्रदर्शन भी किया था। बारिश के बीच करीब 6 घंटे तक यह प्रदर्शन चला था। मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने पर पुलिस ने अतिथि शिक्षकों को खदेड़ दिया था। जिसके बाद अतिथियों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप भी लगाए थे। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप से भी मिला था, लेकिन बात नहीं बनी थी।  

2 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में विरोध दर्ज कराएंगे
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने कहा है कि स्कूल शिक्षा मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। अतिथि शिक्षकों की स्कूलों में बेहतर पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस मामले में अतिथि शिक्षक 2 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में विरोध दर्ज कराएंगे। परिहार का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो सितंबर 2023 को अतिथि शिक्षक पंचायत में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी के समान वेतनमान देने की बात कही थी। यह वादा अब तक पूरा नहीं किया गया है। हमारी मांग है कि परीक्षा के माध्यम से अतिथि शिक्षकों को नियमित करें। गुरुजियों की तरह नियमित किया जाए।