Rao Uday Pratap Singh: मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के एक बयान से बवाल मचा हुआ है। मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को मेहमान बताते हुए उनके नियमितीकरण के सवाल पर ही सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण क्यों करना चाहिए। उनका नाम ही अतिथि है। मेहमान बनकर आए हो तो क्या घर में कब्जा करोगे?

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दरअसल, मध्य प्रदेश के 90 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों राजधानी भोपाल में उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया था। सोमवार को यह मुद्दा जब स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के समक्ष उठाया गया तो उन्होंने दो टूक जवाब दे दिया। 

स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा...

  • स्कूल शिक्षा मंत्री ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा, जहां गैप है और शिक्षक कम हैं, वहां गेस्ट टीचर्स को लगाया जाता है। पिछले दिनों वह आए थे। इस पर हमने बैठक की है। दो-तीन मांगों पर विचार किया जा रहा है। हमारी पूरी कोशिश होगी कि अतिथि शिक्षकों को बीच सत्र में न निकाला जाए। उनके हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 
  • नियमितीकरण के सवाल पर मंत्री राव उदय प्रताप ने बताया, गत वर्ष 68 हजार शिक्षक थे, लेकिन इस बार कम हो गए हैं। युक्ति-युक्तिकरण और अतिशेष शिक्षकों से काफी हद तक शिक्षकों की कमी की पूरी हुई है। जहां रेगुलर टीचर हैं तो फिर अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे? भर्ती कर भी लेंगे तो सैलरी कहां से देंगे? वित्तीय प्रबंधन और न्यायसंगत चीजों का समायोजन जरूरी है। 
  • स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, अतिथि शिक्षकों का न्यायालयीन प्रकरण पेंडिंग हैं। इसमें तेजी लाने सरकार हर संभव प्रयास करेगी। 

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पटवारी बोले-शिवराज ने किया था वादा 

  • प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंत्री के बयान पर पलटवार किया है। कहा, कब्जा क्या होता है? अतिथि शिक्षकों को एक व्यवस्था के तहत रखा जाता है। वे सेवाएं देते हैं और सरकार उनकी सेवाएं लेना चाहती है। बाद में उन्हें अपमानित किया जाता है। शिक्षा मंत्री को इस पर माफी मांगनी चाहिए। 
  • जीतू पटवारी ने कहा, अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का वादा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ। 

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