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MP News: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या की घटना के बाद सरकारी अस्पताल कितने सुरक्षित है, इसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को आदेश जारी किए हैं।

MP News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना अब सभी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर तमाम प्रयास होने लगे हैं। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस उपलक्ष्य में जेपी अस्पताल में सिक्योरिटी ऑडिट किया गया।

कर्मचारी होंगे शामिल
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से ब्लैक स्पॉट की जांच की। इस दौरान उन्होंने मरीजों के साथ परिजनों की संख्या, भीड, सुरक्षा कर्मचारियों की स्थिति, अस्पताल के अंधेरी जगहों के साथ एंट्री पॉइंट की जांच की। इसी के साथ शुक्रवार को विभागीय निर्देशों के आधार पर एक समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में एक आरएमओ के साथ रोग विशेषज्ञों, मैट्रन और तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल होंगे।

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देर रात कलेक्टर का दौरा
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान जेपी में लाइटें बंद मिलीं तो वहीं हमीदिया अस्पताल की पार्किंग में अंधेरा मिला। इस पर कलेक्टर ने एक सप्ताह में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि गुरुवार को प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी मेडिकल कालेज, अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर भोपाल ने अस्पतालों में महिला सुरक्षा की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए देर रात निरीक्षण करने पहुंचे। करीब 11 बजे हमीदिया अस्पताल परिसर के कुछ स्थानों पर लाइटें बंद मिली। सीसीटीवी कैमरे से चेक किए गए। नर्स और डाक्टरों के आने जाने वाले स्थलों को निरीक्षण किया गया। सुरक्षाको दृष्टि से कर्मचारियों को बढ़ाने और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था करने के लिए भी कलेक्टर की ओर से कहा गया।

व्यवस्थाओं को लेकर ख्याल
हमोदिया में आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जेपी अस्पताल में कलेक्टर रात करीब पौने ग्यारह बजे निरीक्षण करने पहुंचे, वहां मौजूद स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बारे में उन्होंने जानकारी ली और स्टाफ से पूछताछ की। यहां भी अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे, डाक्टर और अन्य स्टाफ की उपस्थिति को चेक किया गया। अस्पताल परिसर में जहां जहां अंधेरा पसरा हुआ था, इसको संज्ञान में लेते हुए उन्होंने जल्द से जल्द सुधार करने के निर्देश दिए। 

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