हरिभूमि न्यूज। भोपाल: मध्य प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सेडमैप (सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट ऑफ मध्य प्रदेश) ने एक महत्वपूर्ण संकल्प लिया है। सेडमैप ने अगले कुछ वर्षों में 50 लाख लोगों को स्व रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सेडमैप का लक्ष्य सिर्फ संख्या तक सीमित नहीं
हरिभूमि से बातचीत के दौरान अनुराधा सिंघई ने बताया कि सेडमैप का लक्ष्य सिर्फ संख्या तक सीमित नहीं है। संस्था यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रत्येक व्यक्ति को सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें ताकि वे अपने व्यवसाय को स्थायित्व और प्रगति की दिशा में ले जा सकें। उन्होंने यह भी बताया कि सेडमैप सरकार और अन्य संगठनों के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में जुटी हुई है।
युवाओं की अपेक्षाओं को देखते हुए सेडमैप ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत आने वाले समय में प्रदेश भर में करीब 50 लाख स्व रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य व युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षण देने का संकल्प है। संस्था का एकमात्र उद्देश्य है कि युवा भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में अपनी दिशा और ज्ञान के सहारे अपना नया जीवन शुरू कर सकें। इसमें लगातार सफलता मिल रही है और सरकार को आउटसोर्स के माध्यम से मेन पावर उपलब्ध कराया है।
हरिभूमि ने सेडमैप की पहली महिला कार्यकारी संचालक(ईडी) अनुराधा सिंघई से खास बातचीत की।
सवाल: किसी भी बेरोजगार या अपना सेटअप जमाने वाले लोगों को किस प्रकार का सहयोग सेडमैप संस्था कर रही है?
जवाब: सबसे पहले जरूरतमंद लोगों को यहां तक लाने के लिए विज्ञापन या अन्य माध्यमों से जानकारी दी जाती है कि सेडमैप से जुड़ें। इससे रोजगार या स्वरोजगार अपनी योग्यता के अनुसार आसानी से और भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में प्राप्त किया जा सकता है।
सवाल: स्व रोजगार किसी भी युवा को किस प्रकार से शुरू करवाया जाता है, क्या उसे कोई फीस आदि कुछ देना होता है?
जवाब: आज के समय में कई युवा स्व रोजगार ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जो युवा स्व रोजगार के लिए आते हैं, उन्हें उनकी पसंद के अनुसार पहले विशेषज्ञों से नॉलेज प्रदान की जाती है। उसके बाद मशीनों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें दाल मिल, दलिया, आलू के चिप्स, बेकरी या आईसक्रीम स्टार्टअप शुरू करना हो तो संस्था में उपलब्ध मशीनों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है।
सवाल: आज के समय में किसी भी सेटअप को जमाने के लिए पैसे की सबसे बडी आवश्यकता होती है, उसकी व्यवस्था युवा कैसे करेगा?
जवाब: सेटअप जमाने के लिए सबसे बड़ी जरूरत ज्ञान और दिशा की होती है, जो सेडमैप उपलब्ध करा रहा है। उसके बाद पैसे की बात आती है। इसके लिए शासन की कई योजनाएं चल रही हैं, जिसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अलावा कई स्वरोजगार ऐसे हैं, जो काफी कम लागत में स्थापित हो जाते हैं। इसकी व्यवस्था युवा कर लेते हैं। वैसे भी एमएसएमई को सरकार काफी बढ़ावा दे रही है।
सवाल: स्व रोजगार के लिए 50 लाख का लक्ष्य कैसे रखा, क्या इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है?
जवाब: नवंबर 2022 में सरकार के एमएसएमई नोडल एजेंसी बनी यह संस्था और अब तक करीब 13 लाख 50 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 50 लाख का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विभिन्न माध्यमों से युवाओं को जानकारी दी जा रही है। पूरे प्रदेश में इसके लिए सेडमैप के केंद्र कार्य कर रहे हैं। हर केंद्र का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बारे में जानकारी प्रदान की जाए। यही कारण है कि संस्था को पूरा विश्वास है कि इस लक्ष्य को जल्दी प्राप्त कर लेंगे।
सवाल: सेडमैप आपके कार्यकाल में सरकार की नोडल एजेंसी भी बनी है, वो किस तरह से काम कर रही है?
जवाब: सेडमैप प्रदेश सरकार की एक मात्र नोडल एजेंसी है जो प्रदेश में एमएसएमई के अंतर्गत सभी विभाग में रिक्त पदों पर आउटसोर्स भर्ती एवं रोजगार प्रशिक्षण का कार्य करता है। पहले लोगों को आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर जाने के लिए लूटा जाता था। अब जो भी नौकरी पर गया, उससे न तो किसी प्रकार का कमीशन लिया जाता है और न ही नौकरी लगाने के नाम पर पैसा। साफ सुथरा माहौल बनने से आउटसोर्स से रोजगार प्राप्त करने वाले सभी खुश हैं।