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शिवपुरी जिले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। जिसमें 31 जनवरी के दिन लगभग 40 जाटव परवारों ने बौध्द धर्म अपना लिया है। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। बौध्द धर्म अपनाने वालों का कहना है कि छुआछूत के कारण हिंदू धर्म छोड़ा है।

MP News: शिवपुरी जिले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। जिसमें 31 जनवरी के दिन लगभग 40 जाटव परवारों ने बौध्द धर्म अपना लिया है। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। बौध्द धर्म अपनाने वालों का कहना है कि छुआछूत के कारण हिंदू धर्म छोड़ा है।

मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का है। शिवपुरी के बहगवां गांव में 31 जनवरी को श्रीमद्भागवत गीता का आयोजन किया गया था। भागवत के कार्यक्रम में जाटव समाज के लोगों को झूठी पत्तल उठाने का काम दिया गया। जिससे जाटव समाज नाराज हो गया और भंडारे के एक दिन पहले ही 40 जाटव परिवार हिंदू धर्म छोड़ बौध्द धर्म गुरू के हाथों सदस्यता लेकर बौध्द धर्म अपना लिया। 

ग्राम सरपंच ने कहा
सरपंच ने इस मामले को लेकर कहा कि गांव में कोई काम किसी समाज विशेष को नहीं बांटा गया था। इस कार्यक्रम में सभी समाज की सहभागिता रही है। हर किसी ने झूठी पत्तल उठाई और परोसा है। उन्होंने छुआछूत नहीं माना। जाटव समाज के सभी आरोप निराधार हैं। बौध्द भिक्षुओं ने गांव में आकर बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने का कार्य किया है।

कलेक्टर ने कहा
शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि इतने परिवारों ने एक साथ धर्म परिवर्तन क्यों किया। इसकी गहराई से पड़ताल करना जरूरी है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक दिन में धर्म परिवर्तन कर ले, यह संभव नहीं है। इसकी जांच की जाएगी जिसमें जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।

बौद्ध धर्म गुरु ने शपथ में कहा
बौध्द धर्मगुरु ने गांव में टेंट लगाकर जाटव परिवार को शपथ दिलाई। जिसमें कहा कि मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं राम और विष्णु को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति सहित हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा।

शपथ में यह भी कहा कि मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है। मैं ये बात कभी नहीं मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार हैं। मैं ऐसे प्रचार को पागलपन और झूठा प्रचार समझता हूं। मैं कभी श्राद्ध भी नहीं करूंगा और ना ही पिंडदान करूंगा। मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणों के हाथों नहीं कराऊंगा। मैं इस सिद्धांत को मानूंगा कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मैं समानता की स्थापना के लिए प्रयत्न करूंगा। मैं भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलने का प्रयास करूंगा।

मैं प्राणी मात्र पर दया करूंगा। उनका लालन-पालन करूंगा। मैं कभी झूठ का प्रचार नहीं करूंगा, शराब नहीं पिऊंगा, चोरी नहीं करूंगा, झूठ नहीं बोलूंगा। मैं अपने जीवन को बौद्ध धर्म के तीन तत्वों ज्ञान, शील, करुणा के आधार पर ढालने का प्रयत्न करूंगा। मैं मनुष्य की उत्कृष्टता के लिए हानिकारक, मनुष्य मात्र को नीच मानने वाले हिंदू धर्म को पूर्णत त्यागता हूं और बौद्ध धर्म को अपनाता हूं। मैं पूर्ण विश्वास करता हूं कि बौद्ध धर्म ही सर्वधर्म है। मैं यह मानता हूं कि मेरा नया जन्म हो रहा है। मैं यह प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं आज से बौद्ध धर्म के अनुसार आचरण करूंगा।

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