Religon: सावन मास की पूर्णिमा की पावन तिथि पर सोमवार को विधि-विधान से जनेऊ बदलने का कार्य भी होता है, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं। श्रावणी पर्व पर हेमाद्री दस विधि पंचगव्य स्नान कर ब्राह्मण अपने जनेऊ बदलेंगे। इस दिन पवित्र नदी तीर्थों पर स्नान एवं दान का बहुत महत्व होता है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी कई स्थानों पर स्थाना श्रावणी उपाकर्म किया जाता है। इसके तहत लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रावणी उपाकर्म किए जाएंगे। शीतल दास की बगिया में ब्राह्मण समाज की ओर से श्रावणी पर्व आयोजित किया जाएगा। यह उपाकर्म सुबह 7:30 बजे प्रारंभ होगा

मराठी समाज ने श्रावणी पर्व मनाया
इधर अरेरा कालोनी स्थित श्री दत्त मंदिर में रविवार को श्रवणी पर्व मनाया गया। पंडित मोरेश्वर राखे और श्रीकांत हिरवे की मौजूदगी में विधि-विधान से पूजा-अर्चना हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। समी ने दत्त मंदिर प्रांगण में पूजन किया। मराठी समाज के पूर्व अध्यक्ष संजय जोशी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी बाहमणों का अभिमान का श्रावणी पर्व मनाया गया। विधि-विधान से पूजन हुआ

अंतिम सोमवार शोभन योग
आज सावन का आखिरी सोमवार है। भोपाल मां चामुण्डा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि आज चतुर्थ अंतिम सोमवार शोभन योग, रवि योग, गजकेसरी योग रहेगा। लिहाजा सोमवार को शिवालय में जल चढ़ाकर, पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक होगा। चंदन, फूल, धतूरा बेलपत्र, कपूर, शुद्ध घी के दीपक के साथ भोलेनाथ की पूजा एवं दान-पुण्य भक्तों द्वारा किया जाएगा। ऊं नमः शिवाय का जाप दिनभर चलेगा। शिवालयों में प्रातः काल से लेकर मध्य रात्रि तक भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, जगह-जगह मेले लगेंगे। भगवान भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करेंगे।

माता व बाबा को राखी बांध सकेंगे
बटेश्वर व मां गोरा को दर्शनार्थी बांध सकेंगे राखी, खजाना भी बंटेगा, श्रद्धालुओं का मंदिरों में उमड़ेगा हुजूम
बड़‌वाले महादेव मंदिर सेवा समिति द्वारा श्रावण मास महोत्सव के अंतिम दिन पड़ रहे सोमवार के अवसर पर बाबा बटेश्वर व मां गोरा का दिव्य श्रृंगार कर रक्षाबंधन मनाया जाएगा। समिति के संजय अग्रवाल व प्रमोद नेमा ने बताया कि सोमवार प्रात काल समिति के संकल्पित सदस्यों द्वारा पांच बाहमणों द्वारा महा रुद्राभिषेक, पूजन कर श्रावण मास का समापन होगा। शाम 7 से 12 बजे तक सभी दर्शनार्थी माता व बाबा को राखी बांध सकेंगे। समिति की ओर से प्रत्येक राखी बांधने वाले भक्तों को बाबा का खजाना वितरित किया जाएगा। तो वहीं बाबा मुक्तेश्वर महाकाल का बगीचा श्रृंगार किया जाएगा।

आभूषणों से श्रृंगार
लखेरापुरा श्रीजी मंदिर प्रांगण में रविवार को मचकी झूला उत्सव मनाया गया। प्रभु श्रीनाथ को नए वस्त्र धारण कराए। उनके सिर पर मोर मुकुट व सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया। शाम के समय 18 फीट ऊंची रस्सी से बने झूले में विराजमान किया गया। इसे मचकी झूला भी कहा जाता है। इसे पेड़ों के बीच रस्सी से बांधकर तैयार किया जाता है। मंदिर के पुजारी पंडित श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पीले, गुलाबी सहित अन्य रंगों के कपड़ों और फूलों से निर्मित इस झूले में प्रभु को विराजमान किया। कीर्तन किया गया। विधि- विधान से प्रभु का पूजन किया। सोमवार को रक्षाबंधन पर्व के चलते मंदिर में राखी का उत्सव मनाया जाएगा।