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Shri Krishna Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर भोपाल के प्राचीन श्रीजी और बांके बिहारी मंदिर को लाल गुलाब और सफेद फूलों से सजाया जाएंगे। इसके लिए वृंदावन से फूल बुलाए जा रहे है। इस बार बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

Shri Krishna Janmashtami:  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मंदिरों में सबसे पहले ब्रह्ममद्द मुहूर्त से ही विष्णुसहस्त्रनाम के पाठ किया जाएगा। रात 12 बजे हर्षोल्लास से जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा
प्रदेश सरकार ने इस साल जन्माष्टमी पर्व को भव्य तारीके से मनाने के निर्देश दिए है। शासन के आदेश के बाद मंदिर समितियों वे तैयारियां शुरू कर दी है। इसके गई चलते राजधानी के लक्ष्मीनारायण मंदिर बिड़ला में सजावट की तैयारियां शुरू हो। रविवार देर रात तक मंदिरों को पूरी तरह से सजाया जाएगा। सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। तो वहीं रात्रि एक बजे तक मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा। भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे।

कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर प्राचीन श्रीजी और बांके बिहारी मंदिर को लाल गुलाब और सफेद फूलों से सजाया जाएंगे। इसके लिए वृंदावन से फूल बुलाए जा रहे है। इस बार बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में फूलों से मंदिर को सजाया जाएगा। यहां तिलकोत्सव के बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी।

स्कूलों में श्रीकृष्ण की शिक्षा, प्रतियोगिताएं
मध्य प्रदेश के स्कूलों में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों के साथ स्कूल-कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठी सहित प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार ने बताया कि चिन्हित स्कूलों में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान श्रीकृष्ण की शिक्षा, मित्रता के प्रसंग तथा जीवन दर्शन पर आधारित विभिन्न विषयों पर विद्वानों के माध्यम से सरकारी व निजी स्कूलों में व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। इसको लेकर स्कूल स्तर पर तैयारियां की जा रही है।

जैन मंदिरों में बरस रहा भक्ति रस
इच्छाओं का पूरी तरह निरोध ही मोक्ष हे इच्छाएं और आकांक्षाएं हमें गर्त में ले जाती है। जो आवश्यकता को कम कर लेता है। वह सत पुरुष है। यह प्रवचन शुक्रवार को नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम सागर महाराज ने दिप्ए। उल्लेखनीय है कि संतो के चातुर्मास के दौरान राजधानी के जैन मंदिरों में श्रद्धा भक्ति और आस्था का संगम दिखाई दे रहा है। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मंदिरों में भक्ति रस बरस रहा है. वहीं संतों के द्वारा आशीष वचन में धर्म आध्यात्मिक के साथ पर्यावरण की रक्षा और अपनी समाज प्रदेश और देश के प्रति अपना उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने की सीख दी जा रही है। नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज के चातुर्मास के दौरान सुबह से ही विशेष अनुष्ठानों किए जा रहे है।

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