भोपाल। मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सत्र के छठवें दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के विधायकों ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। सबसे पहले बैतूल में आदिवासी को निर्वस्त्र कर पीटने के मुद्दे पर तीखी बहस हुई। फिर नर्मदा नदी में सीवेज मिलने के मामले पर हंगामा हुआ। इसके बाद ओला-पाला गिरने से फसलों को हुई क्षति को लेकर कांग्रेस धावा बोला। आखिरी में जल जीवन मिशन के कामों में करोड़ों की गड़बड़ी का मुद्दा गरमाया। हंगामा के बीच बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की दी गई।
1:-आदिवासी की पिटाई मामला
सिंघार ने मुख्यमंत्री से कहा- इस तरह की घटनाएं घटित होना शर्मनाक
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बैतूल में आदिवासी को निर्वस्त्र कर उल्टा लटकाकर पीटने की घटना की गूंज सुनाई दी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मामले में सीधे मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधा। उमंग ने मुख्यमंत्री से कहा कि गृह विभाग आपके पास है, लेकिन आपका उसको लेकर कोई ध्यान नहीं है। इस तरह की घटनाएं प्रदेश में घटित होना शर्मनाक है।
हेमंत ने कहा-सीएम को गृह विभाग से त्याग पत्र देना चाहिए
आदिवासी के पिटाई मामले में कांग्रेस ने विधानसभा में स्थगन देकर चर्चा की मांग की। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि स्थगन पर चर्चा करने के लिए समय तय किया जाए। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थगन स्वीकार नहीं किया। तोमर ने कहा कि निर्धारित समय के बाद सूचना देने के आधार पर स्थगन स्वीकार नहीं किया गया। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा, पिटाई का वीडियो देखकर मुझे बहुत दर्द हुआ। आदिवासियों की सुरक्षा करने में सरकार असफल है। हेमंट कटारे ने सीएम ने आगे कहा कि अगर आपसे प्रदेश नहीं संभल रहा है तो आपको गृह विभाग से त्याग कर देना चाहिए।
2:-नर्मदा में सीवेज मिलने का मामला
वर्षों से एक ही जवाब मिल रही लेकिन धरातल पर नहीं दिख रहा
बुधवार को विधानसभा में नर्मदा नदी में मिल रहे गंदे नालों को लेकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के जबलपुर से विधायक लखन घनघोरिया ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्षों से एक ही जवाब दिया जा रहा है, लेकिन धरातल पर स्थित कुछ और ही है। गंदे नालों का पानी मां नर्मदा में मिल रहा है। नर्मदा हमारी धार्मिक आस्थाओं का केंद्र है।
जल्द सीवेज का पानी नर्मदा में मिलने से रोकना है
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री ने सुबह कहा है नर्मदा को सभी मां का दर्जा देते हैं। वहां सीवेज का पानी मिलने से रोकना है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि 2 साल के अंदर ऐसे निकायों का गंदा पानी नगरीय क्षेत्र में मिलने से रोक देंगे। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएगा। इस दौरान अन्य सदस्यों ने कहा कि महापौर चुनाव के समय 100 दिन में नर्मदा नदी में गंदे नाले को मिलने से रोकने की घोषणा की गई थी, पर कुछ नहीं हुआ।
'नर्मदा भगवान शिव की मानस पुत्री नहीं, भाजपा की मानस पुत्री है'
लखन घनघोरिया ने इस पर कहा कि ऐसा लगता है कि मां नर्मदा भगवान शिव की मानस पुत्री नहीं, भाजपा की मानस पुत्री है। उनकी इस टिप्पणी को लेकर हंगामा हो गया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। घनघोरिया से माफी मांगने पर अड़ गए। कहा- वे माफी मांगें। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
'घनघोरिया को सदन में माफी मांगनी चाहिए'
कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से अपनी बात रख रही है। लेकिन मां नर्मदा जो हम सबके लिए आस्था का केंद्र है। उसको लेकर अगर ऐसी टिप्पणी की जाएगी तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लखन घनघोरिया को सदन में माफी मांगनी चाहिए। काफी देर तक इस पर दोनों पक्षों की ओर से इस पर बस होती रही।
3:-नल जल योजना का मामला गरमाया
कांग्रेस ने गाड़बड़ियों की जांच कराने की मांग उठाई
बुधवार को सदन में जल जीवन मिशन पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के सदस्यों ने जल जीवन मिशन के माध्यम से घर-घर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाने के कार्य में होने वाली गड़बड़ियों को उठाते हुए जांच करने की मांग की, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से कहा कि ऐसे पूरे प्रदेश में जांच नहीं कराई जा सकती है। जो विषय सामने आएंगे एनकी जांच कराई जाएगी। सरकार न तो भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करेगी और न ही अनियमितता करने वाले किसी भी अधिकारी को संरक्षण दिया जाएगा। यह हमारी गारंटी है। कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि सरकार कोरी गारंटियां देती है, लेकिन जो जमीनी हकीकत है, उसे नजरअंदाज किया जा रहा है। 45 मिनट तक प्रश्नकाल के दौरान इसी विषय को लेकर चर्चा होती रही और फिर जब जांच का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
- 4:-ओला-पाला के मामले पर भी बहस
कांग्रेस ने फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की
कांग्रेस ने ओला-पाला के कारण फसलों को हुए नुकसान और मुआवजे का मुद्दे सदन में उठाया। फसल बीमा पर भी सवाल किए। कांग्रेस विधायक भंरवसिंह शेखावत ने कहा कि दिल्ली की तरफ देखेंगे तो किसानों की हालत पता चलेगी। किसानों का दर्द कैलाश विजयवर्गीय को नहीं पता है। इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि पूरे देश के नहीं, पंजाब समेत दो-तीन राज्यों के ही किसान दिल्ली में हैं। किसानों के प्रति बहुत जवाबदेह हैं। हमने किसानों के लिए बेहतर काम किया है। इस पर कांग्रेस के रामनिवास रावत ने कहा कि किसानों पर बॉर्डर पर रात में आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति दर्ज कराई।