भोपाल। मध्यप्रदेश के बाघों और पैंगोलिन के अवशेषों की नेपाल, चीन और दार्जिलिंग समेत अन्य राज्यों में तस्करी करने वाला अंतरराष्ट्रीय तस्कर ताशी उर्फ शेरपा को नेपाल से सीमा से गिरफ्तार किया है। मप्र स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) ने 24 जनवरी को वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली के सहयोग से गिरफ्तारी की। नर्मदापुरम कोर्ट में सोमवार को उसे पेश कर एक दिन की रिमांड ली है। 

पूछताछ में और भी घटनाओं के खुल सकते हैं राज 
एसटीएसएफ के मुताबिक, ताशी ने मप्र के 2 बाघ और 1 पैंगोलिन के अवशेष खरीदे थे। ये तीनों वन्यप्राणी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के थे। यह खरीदी वर्ष 2015 में फरार तस्कर जे तमांग से की थी। तब इन्होंने इन तीनों वन्यप्राणियों का स्थानीय शिकारियों की मदद से शिकार कराया था। अब उम्मीद है मप्र के रिजर्वों में पूर्व में हुए अन्य शिकार और तस्करी के सुराग मिल सकते हैं। एसटीएसएफ को ताशी से पूछताछ में और भी घटनाओं के खुलासे होने की संभावना है। ताशी उसी अंतर राष्ट्रीय फरार तस्कर जे तमांग का साथी है जिसकी मप्र को 8 साल से तलाश है, अब जे तमांग तक पहुंचने के रास्ते भी खुल सकते हैं।

अब तक 29 शिकारी पकड़्रे जा चुके हैं
जानकारी के मुताबिक, एसटीएसएफ ने 2015 में शिकार और तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। 36 लोगों को आरोपी बनाया था। 29 शिकारियों और तस्करों को गिरफ्तार किया है। 27 को 5-5 वर्ष की सजा भी हो चुकी है। बता दें कि ज्यादातर बैतूल, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम समेत मप्र के अन्य जिलों के थे, जो शिकार के लिए जिम्मेदार थे। ये ताशी की मांग और जे तमांग के कहने पर शिकार करते थे। 

बाघों की खाल, हड्डियां और चर्बी बेचते थे 
एसटीएसएफ  के मुताबिक, तस्कर बाघों की खाल, हड्डियां, चर्बी का तेल, नाखून, बाल और पैंगोलिन के स्केल जे तमांग को बेचते थे। जे तमांग ताशी समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय तस्करों को देता था। जे तमांग को इंटरपोल की मदद से पकड़ा था, लेकिन उसे जमानत दे दी गई। तभी रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की होती तो ताशी पकड़ में आ जाता।