भोपाल। मां की गुहार के बाद उसके बेटे के शव को कब्र से बाहर निकाला गया। उसके बेटे की मौत कैसे हुई? मौत का कारण पता लगाने अब पुलिस पोस्टमार्टम कराएगी। मामला टीकमगढ़ का है। दरअसल, कुमैदान मोहल्ले में रहने वाले एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। अंतिम संस्कार के बाद युवक का शव कब्र में दफना दिया गया। लेकिन, मां का आरोप है कि उसके बेटे की जहर देकर हत्या की गई है। उसने अपने बेटे के तीन दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। मृतक युवक की मां की मांग पर शनिवार को शव को कब्र से बाहर निकाला गया। अब पोस्टमार्टम कराकर युवक के मौत के कारण का पता लगाया जाएगा।

जानें महिला ने आवेदन में क्या कहा था 
कुमैदान मोहल्ले की रहने वाली शाहीन बानो ने 22 फरवरी को टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन दिया था। आवेदन में महिला ने कहा था कि 12 फरवरी को उनके बेटे राशिद की संदिग्ध परिस्थितियों में झांसी ले जाते समय मौत हो गई थी। आवेदन में मृतक की मां ने उसके तीन दोस्तों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया था। साथ ही कब्र में दफन बेटे का शव निकालकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर शनिवार की सुबह नायब तहसीलदार पुलिस प्रशासन और नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ कब्रिस्तान पहुंचे हैं और शव को बाहर निकला।  

दोस्तों के साथ की थी पार्टी, अचानक बिगड़ी तबीयत और हो गई मौत 
जानकारी के मुताबिक, 12 फरवरी की रात रशीद घर आया और कमरे में जाकर सो गया। कुछ देर बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उल्टियां करने लगा। जिला अस्पताल ले कर गए। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन, रास्ते में उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन परिजनों रशीद को कब्र में दफना दिया। इसके बाद रशीद की मां को पता चला कि जिस दिन उसके बेटे की तबीयत खराब हुई। उस दिन रशीद अपने दोस्तों के साथ था। रशीद ने उसी दिन दोस्तों के साथ पार्टी भी की थी। मां का आरोप है कि पार्टी में ही उसके बेटे रशीद को जहर दिया गया है। जिसके कारण उसके बेटे की मौत हो गई।  

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी 
टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मां की मांग पर शव निकाल लिया है। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे दोबारा कब्र में दफना दिया जाएगा। पीएम रिपोर्ट आने पर मौत का सही कारण पता चलेगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शक होने पर पुलिस अधीक्षक को आवेदन करना पड़ता है।  पुलिस अधीक्षक उसे आवेदन को एसडीएम के पास भेजते हैं, इसके बाद शव निकालने के आदेश जारी होते हैं। शव निकालने की पूरी प्रक्रिया मजिस्ट्रेट अधिकारी के सामने होती है।