भोपाल। श्री राम मंदिर अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग एवं जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा 20 से 22 जनवरी, 2024 तक श्री लीला समारोह का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को शिरीष राजपुरोहित-उज्जैन के निर्देशन में महादेव लीला-नाट्य प्रस्तुति दी गई।  

सबसे पहले कथावाचक महादेव ही हैं
महादेव लीला नाट्य में बताया कि तुलसी के मानस को देखते हैं, तो सबसे पहले कथावाचक महादेव ही हैं, जो मां भगवती को श्रीराम के आख्यान को सुना रहे हैं। आगे दिखाया कि देवताओं को परेशान करने के लिए त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था, उसके अत्याचारों से हर कोई परेशान हो गया था। ऐसे में हर कोई चाहता था कि उसके आतंक से मुक्ति मिल जाए। 

भगवान शिव की आराधना की गई
भगवान शिव की आराधना की गई और फिर उन्होंने त्रिपुरासुर का वध किया। इसी क्रम में समुद्र मंथन का आख्यान को दिखाया गया, जिसमें समुद्र मंथन से विष प्रकट होता है, तो उसके पास करने के लिए भगवान शिव का ही स्मरण किया जाता है। अगर वह पान नहीं करते तो इस सृष्टि की कल्पना असंभव है, जिसे कलाकारों ने बहुत ही खूबसूरत रूप में दिखाने की कोशिश की है।