मधुरिमा राजपाल, भोपाल

Success Story of Women lineman Mangani Bai: अमूमन देखा जाता है कि जब भी इलाके में पॉवर कट होता है या इलेक्ट्रिसिटी से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम होती है तो लाइनमैन के रूप में पुरुष सदस्य ही आते हैं लेकिन क्या हो जब विद्युत संबंधी कोई समस्या हो और उसे सुधारने के लिए महिला आए। जी हां हम बात कर रहे हैं भोपाल शहर की महिला लाइनकर्मी मंगनी बाई का। लाइन पर काम करना एवं राजस्व वसूली में महारत प्राप्त मंगनी मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के 3 लाइनकर्मी में से एक हैं, जिन्हें महिला दिवस के अवसर पर केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। हरिभूमि के आज के फाइटर महिला कॉलम में मंगनी बाई को चुना और उनके कार्यों व काम के प्रति उनके डेडिकेशन के बारे में जाना। 

शादी के बाद आईटीआई से ली इलेक्ट्रीशियन डिग्री
मंगनी बाई का कहना है कि मैंने शादी के बाद ही आईटीआई में इलेक्ट्रीशियन की डिग्री ली है क्योंकि मुझे इसी क्षेत्र में जाना था, मेरी बचपन से रुचि थी कि इस तरह के कार्य करूं और ईश्वर का शुक्र रहा कि मेरे पैरंट्स के साथ साथ मेरे पति ने भी मुझे इस कार्य को करने से रोका नहीं। बल्कि उन लोगों ने मुझे सपोर्ट ही किया है। यह जानते हुए कि यह क्षेत्र पुरुष वर्चस्व वाला क्षेत्र है और मुझे फील्ड विजिट भी करनी पड़ सकती है।

ऐसा कोई कार्य या क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाएं आगे नहीं है
मंगनी कहती हैं कि आज मुझे दिन तो क्या रात को भी कई बार फील्ड विजिट के लिए जाना पड़ता है लेकिन इसमें मैं बिल्कुल भी हिचकिचाती नहीं हूं क्योंकि मेरी नजर में कोई भी कार्य करते समय पुरुष और स्त्री में भेद नहीं किया जा सकता। आज ऐसा कोई कार्य या क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाएं आगे नहीं है।

पिछले 11 वर्षों से करती आ रही हूं फील्ड विजिट का काम
उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में मेरे दो बेटे हैं और बेटों को भी कभी अजीब सा नहीं लगा की मम्मी लाइट का काम कर रही हैं। उन्होंने भी मुझे हमेशा सपोर्ट किया है। कहा कि मम्मी आप अपना काम करो। हमें आपको कार्य करते हुए देखकर बहुत अच्छा लगता है।  मंगनी कहती हैं कि आज मेरे देखा देखी कई ऐसी लड़कियां हैं जो इलेक्ट्रीशियन की डिग्री ले रही हैं और मेरे साथ कार्य भी कर रही हैं लेकिन बहुत कम ही है जो फील्ड में जाती हैं और मुझे फील्ड में जाकर कार्य करने की बहुत अच्छा लगता है। जिसे मैं विगत 11 वर्षों से करती आ रही हूं।