Sudha Murthy in Indore: इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति सोमवार को इंदौर पहुंचीं। डेली कॉलेज में फिक्की फ्लो द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, महिलाएं बच्चों की परवरिश के लिए अपने भविष्य (कॅरियर) को दांव लगा देती हैं। सुधा मूर्ति ने पुरुषों को सहयोग करने का सुझाव दिया।
सुधा मूर्ति ने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा, नौकरीपेशा दंपती के लिए बच्चों को अच्छी परवरिश देना बहुत मुश्किल होता है। अधिकांश महिलाएं बच्चों की परवरिश के लिए अपने भविष्य को दांव पर लगा देती हैं। लेकिन पति सयोग करें तो इससे बचा जा सकता है। क्योंकि बच्चे दोनों की जिम्मेदारी हैं।
सुधा मूर्ति ने कहा, अभिभावकों से कहा, 14 साल तक बच्चों के साथ भरपूर समय बिताएं। ताकि, उनके भविष्य को सही दिशा मिल सके। महिलाएं पहले परिवार और नौकरी के बीच बैलेंस बनाकर चलें। परिवार और भविष्य में तालमेल से परिवार में खुश और समृद्धि बनी रहेगी।
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बच्चों ने पार्टी की जिद की तो बस्ती में ले गए
सुधा मूर्ति ने कहा, भले ही आप आर्थिक तौर पर सक्षम हैं, लेकिन बच्चों की हर जिद पूरी करने की बजाय उन्हें वास्तविकता से रूबरू करवाएं। उन्होंने अपने बेटों का उदहरण देते हुए बताया कि एक बार वह दोस्त की जन्मदिन की पार्टी से लौटे और मुझसे भी उसी तरह की जन्मदिन पार्टी रखने की बात कही। जिसके बाद हम दोनों बच्चों को बस्ती ले गए और उन्हें समझाया कि कैसे यहां लोग अभावों के बीच रहते हैं। होटल में हजारों रुपए खर्च करना फिजूलखर्ची है। इस राशि इन बच्चों के जीवन को सुधारा जा सकता है।
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भारतीय अर्थव्यस्था की तारीफ
सुधा मूर्ति ने भारतीय अर्थव्यस्था की तारीफ करते हुए कहा, चार दशक पहले युवा पढ़ाई कर अमेरिका-यूरोप में नौकरी करने जाते थे, लेकिन उनमें से बहुत कम लौटकर भारत आते थे। अब धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलने लगी हैं। भारत में भी अब नौकरियां और व्यवसाय से जुड़े अवसर बढ़े हैं। विदेशों के प्रति लोगों में आकर्षण भी कम हुआ है। सरकारी नीतियों से भारत में निवेश बढ़ा है। अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई है।