जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए लोक सेवा अयोग की कार्यप्रणाली और एक्सपर्ट की योग्यता पर सवाल उठाए हैं। कहा, आपके एक्सपर्ट की योग्यता तो पहले ही दिख गई है। मैटकॉफ का सवाल बैंटिंक से जोड़ रहे हैं। आपके द्वारा प्रस्तुत किताब में ही प्रेस की स्वतंत्रता के सवाल में मैटकॉफ लिखा गया है। अब जस्टिफाइ कर रहे हैं कि बैंटिंक नहीं मैटकॉफ समझकर जवाब दिया जाए।
अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने परीक्षार्थियों की ओर तर्क रखते हुए कहा कि 12 मार्च को केस लिस्टेड हुआ है और 11 मार्च को मेंस एक्जाम है। इस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा, सुनवाई 7 मार्च को रखेंगे। मेन्स शुरू होने के बाद सुनवाई का क्या मतलब होगा। सरकारी पक्ष के वकील को कहा, आयोग को सूचित करें और सचिव को बुलवा लें।
दरअसल, मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित MPPSC Pre-Exam 2023 में तीन गलत सवाल पूछे गए थे, जिसके चलते मेंस परीक्षा से बाहर हुए कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिक दायर की थी। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में लोकसेवा आयोग से मामले में एक्सपर्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। कोर्ट अब तक हुई सुनवाई में आयोग के पक्ष और एक्सपर्ट की राय से संतुष्ट नहीं है। लिहाजा अब 7 मार्च को पुन: सुनवाई की बात कहते हुए सचिव को तलब किया है।