उज्जैन। उज्जैन के दसभुजा वाले प्रसिद्ध गणेश मंदिर में मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जींस और छोटे कपड़े पहनकर जाने पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु यहां सेल्फी भी नहीं ले सकेंगे। मंदिर समिति ने गेट पर पोस्टर चस्पा कर दिया है। मंदिर समिति का कहना है कि अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाले लोग बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर के बाहर लगाया पोस्टर
मंदिर के पुजारी हेमंत इंगले का कहना है कि युवतियां कई बार सनातनी वेश-भूषा के अनुरूप कपड़े नहीं पहनती हैं। वे कटी-फटी जींस और मिनी स्कर्ट पहनकर आ जाती हैं। ऐसी श्रद्धालुओं को लेकर हमने मंदिर के बाहर एक पोस्टर लगाया है, जिसमें मंदिर में फोटो खींचना, स्वच्छता का ध्यान रखना, सनातन धर्म के अनुरूप कपड़े पहनना और मंदिर में फालतू बैठने पर रोक लगाई है। खासकर युवतियों को कहा गया है कि सनातनी वेशभूषा का उपयोग करें।
साड़ी या सूट पहनकर ही मंदिर में आएं
बता दें कि चक्रतीर्थ श्मशान स्थित गणेश मंदिर देशभर में विख्यात है। मंदिर में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। बुधवार को गणेश मंदिर में दिनभर भारी भीड़ रहती है। मंदिर समिति ने लड़कियों से कहा है कि वे मंदिर में भगवान गणेश के फोटो ले सकती हैं, लेकिन मोबाइल से सेल्फी पर प्रतिबंध है। लड़कियों को कहा है कि वे साड़ी या सूट पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने के लिए पहनें ये कपड़े
बता दें कि पहले भी मध्यप्रदेश के कई मंदिरों में अमर्यादित कपड़े पहनकर पहुंचने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश देने पर रोक लगाई गई है। उज्जैन के ही महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड में ही प्रवेश दिया जाता है। पुरुषों को धोती-सोला, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी है। जल्द ही सभी श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के इन मंदिरों में मर्यादित कपड़ों में मिलता है प्रवेश
- इंदौर के भगवान स्वामीनारायण मंदिर में कटी-फटी जींस पहनकर जाने वालों को प्रवेश नहीं मिलता है।
- मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू है।
- भोपाल के अटल पथ स्थित मां वैष्णो धाम में अमर्यादित कपड़ों को प्रवेश नहीं दिया जाता।
- अशोकनगर के प्राचीन तार वाले बालाजी मंदिर में मर्यादित कपड़ों में लोगों को प्रवेश दिया जाता है।
- ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में अनुचित वस्त्रों में आने वाले भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाता है।