Yogpurush Dham Indore: इंदौर के श्री युगपुरुष धाम में बड़ी घटना हो गई। अचानक कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। चार बच्चों की मौत हो गई। 16 बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया है। बच्चों के खून में इंफेक्शन मिला है। मंगलवार सुबह सभी बच्चों को एमवाय अस्पताल से चाचा नेहरू अस्पताल भेजा गया है। आश्रम मैनेजमेंट ने बच्चों के मौत की पुष्टि की है। आश्रम की प्राचार्य ने कहा कि जिन चार बच्चों की मौत हुई, उनमें से 2 को मिर्गी आती थी। दो की मौत का कारण पता नहीं है।
इन बच्चों का चल रहा इलाज
राघव (5), विनोद (15), लालजी (12), गोलू (13), गोविंद (12), आयुष (15), सुभाष (15), नरेंद्र (15), शिव (16), सोनू (12), पवन (14) और नारायण (13) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोपहर में 4 और बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चों के बीमार होने और मौत की वजह ब्लड इंफेक्शन और डिहाइड्रेशन बताई जा रही है।
बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण मिले
डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में डिहाइड्रेशन के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं। अस्पताल में 16 बच्चे भर्ती हैं, इनमें से दो की हालत गंभीर है। दो बच्चों की मौत हो चुकी है। कलेक्टर आशीषसिंह ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि आश्रम में इंफेक्शन से दो बच्चों की मौत हुई है। पहले हमें आश्रम ने एक ही बच्चे की मौत के बारे में बताया था, लेकिन हमारी टीम जब आश्रम पहुंची तो दो बच्चों की मौत इंफेक्शन से होने की बात सामने आई है। जांच के बाद जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वो की जाएगी।
इन दो बच्चों की हुई मौत
मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक, सबसे पहले आश्रम में कृष्णा को इंफेक्शन हुआ। इसके बाद बाकी बच्चों की हालत बिगड़ी। 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। मंगलवार सुबह 7 साल के आकाश ने दम तोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
देवास और नर्मदापुरम के रहने वाले थे बच्चे
12 साल का करण देवास के सोनकच्छ का रहने वाला था। इसे 15 महीने पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था। जबकि, नर्मदापुरम का रहने वाला 7 साल के आकाश को चाइल्ड लाइन ने 3 महीने पहले आश्रम को सौंपा था। आश्रम के सेवादारों का कहना है कि कृष्णा स्वस्थ हो गया।
एमपी के अलग-अलग जिलाें के बच्चे रहते हैं
जानकारी के मुताबिक, इंदौर के पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे हैं। इनमें 101 लड़के और 116 बच्चियां हैं। ये बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
2006 में शुरू हुआ था आश्रम
आश्रम में मध्यप्रदेश के कई जिलों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित हो रहा है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।