नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ाई: उज्जैन में 8वीं पास चौकीदार किराना व्यवसायी की मदद से छापने लगा था 100-100 के नोट 

मध्य प्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार, 18 अक्टूबर को नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ाई है। चिमनगंज थाना क्षेत्र में 8वीं पास चौकीदार यहां किराना व्यवसायी की मदद से 100-100 के नोट छाप रहा था।;

Update: 2024-10-19 03:57 GMT
Fake Currency
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Ujjain Fake currency: मध्य प्रदेश के उज्जैन में नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ाई है। 8वीं पास चौकीदार यहां किराना व्यवसायी की मदद से 100-100 के नोट छाप रहा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर नोट छापने वाला प्रिंटर, स्कैनर और कम्प्यूटर सहित अन्य सामग्री जब्त की है। आरोपी नकली नोट छोटे व्यापारियों और दुकानों में चलाते थे। 

उज्जैन पुलिस ने गझिरी क्षेत्र में चौकीदारी का काम करने वाले भेरूसिंह और कानीपुरा क्षेत्र के किराना व्यवसायी रामनरेश चौहान को गिरफ्तार किया है। यह लोग माधवनगर क्षेत्र स्थित दुकान से कलर प्रिंटर खरीदा और ए-4 साइज के सादे पेपर पर 100 रुपए के नोट छाप रहे थे। पुलिस पूछताछ में गोरखधंधे की पूरी कहानी बयां कर दी। 

11 हजार के नकली नोट जब्त 
उज्जैन पुलिस चौकीदार और उसके साथी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आरोपियों के पास से अब तक 11 हजार के नकली नोट, कलर प्रिंटर और नोट छापने वाला पेपर जब्त किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने प्रिंटर देवास के पिंटू मालवीय को बेच दिया था। उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। 

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एक ही सीरियल नंबर के नोट
पुलिस के मुताबिक, आरोपी बहुत कम पढ़े-लिखे हैं। भेरूसिंह महज 8वीं तक पढ़ा है। रामनरेश भी ज्यादा नहीं पढ़ा। आरोपी 100 रुपए के नोट को स्कैन कर इमेज तैयार किया और फिर प्रिंटर की मदद से ए-4 सादे पेपर पर प्रिंट करने लगे। वह एक ही सीरियल नंबर के नोट छाप रहे थे। 

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जल्द अमीर बनने की चाहत में पहुंचे जेल 
पुलिस के मुताबिक, आरोपी भेरूसिंह और रामनरेश नकली नोटों से छोटी-मोटी खरीदी किया करते थे। पुलिस को बताया कि 200 और 500 रुपए के बड़े नोट चलाने में मुश्किल होती थी। इस कारण वह 200 और 500 के नोट नहीं छापते थे। जल्द अमीर बनने की चाहत में आरोपी नकली नोट छापने लगे थे। 

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