भोपाल। जनजातीय वर्ग के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर अपना भविष्य बनाए, इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार ने आकांक्षा योजना शुरू की है। इस योजना में जेईई, नीट, क्लेट जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इंदौर, भोपाल और जबलपुर संभागीय मुख्यालय में जनजातीय विद्यार्थियों को फ्री-कोचिंग दी जाती है। प्रदेश के सभी जनजातीय विकासखडों के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिलाने की मंशा से अब योजना का विस्तार किया जा रहा है।
आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए योजना के संदर्भ में तैयार की जा रही संशोधित कार्य योजना (डीपीआर) में इंदौर, भोपाल और जबलपुर संभागीय मुख्यालय के अलावा उज्जैन संभागीय मुख्यालय और खंडवा जिला मुख्यालय में भी जनजातीय विद्यार्थियों को भी तीनों राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग दी जाएगी।
800 जनजातीय विद्यार्थियों को मिल रही कोचिंग
जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि आकांक्षा योजना में वर्तमान में कुल 800 जनजातीय विद्यार्थियों को तीन संभागीय मुख्यालय भोपाल, इन्दौर एवं जबलपुर में कोचिंग दिलाई जाती है। वित्त वर्ष 2023-24 में 2 करोड़ 32 लाख 12 हजार रुपए व्यय कर 728 जनजातीय विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया। योजना की सफलता को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर की इन तीनों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सीटों और कोचिंग के लिए सेंटर्स की संख्या में भी विस्तार किया जा रहा है।
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वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आकांक्षा योजना की प्रस्तावित संशोधित कार्ययोजना में जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए इंदौर में 100, भोपाल में 400, जबलपुर में 100, उज्जैन में 100 और खंडवा में 100। कुल 800 विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। नीट परीक्षा की तैयारी के लिए इंदौर में 200, भोपाल में 100, जबलपुर में 100, उज्जैन में 100 और खंडवा में 100। कुल 600 विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी।
इसी प्रकार क्लेट परीक्षा की तैयारी के लिए इंदौर में 50, जबलपुर में 200 और खंडवा में 50। कुल 300 विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। संशोधित आकांक्षा योजना में विद्यार्थियों को पृथक छात्रावास भवन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी है। इस संशोधित योजना की शासन से स्वीकृति ली जा रही है।
667 करोड़ के बजट का प्रावधान
अब सभी ट्राइबल ब्लॉकों में जनजातीय विद्यार्थियों को इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग का लाभ देने के लिए योजना की संशोधित डीपीआर तैयार कर ली गई है। राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिए 667 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। इस वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने 11वीं, 12वीं और कॉलेज छात्रवृत्ति के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। निःशुल्क कोचिंग के साथ सरकार जनजातीय विद्यार्थियों को टेबलेट भी देगी। टेबलेट के लिए डेटा प्लान भी सरकार निःशुल्क उपलब्ध करायेगी। योजना के लिये सरकार ने बजट में 10.42 करोड़ रूपये आरक्षित किए हैं।