गोवर्धन पूजा: उज्जैन में सदियों पुरानी अनोखी परंपरा, दर्जनों गायें इंसानों को रौंदते निकली, वीडियो देखकर चौंक उठेंगे

Govardhan Puja 2024: मध्यप्रदेश सहित देशभर में शनिवार (2 नवंबर ) को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। धर्मनगरी उज्जैन में हमेशा की तरह गोवर्धन पूजा पर अनोखी परंपरा निभाई गई। बाबा महाकाल की नगरी से 76 किमी दूर बड़नगर के भिड़ावद गांव में शनिवार को लोगों के ऊपर से गाय का झुंड दौड़ते हुए निकाला। दर्जनों गाय लोगों को पैरों से रौंदने हुए निकली लेकिन किसी को चोट नहीं आई। मान्यता है कि गाय में 33 कोटि के देवी देवताओं का वास है। उनके पैरों के नीचे आने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए सदियों से गांव में अनोखी परंपरा का निर्वहन किया जाता है।
उज्जैन: गोवर्धन पूजा पर अनोखी परंपरा,, इंसानों को रौंदती हैं गायें... pic.twitter.com/cFWZetU34n
— Raju Sharma (@RajuSha98211687) November 2, 2024
किसी को एक खरोंच तक नहीं आई
भिड़ावद के ग्रामीणों की मानें तो अनोखी परंपरा का सदियों से निर्वहन किया जा रहा है। गौरी पूजन पर उपवास रखने वाले ग्रामीण 5 दिन मंदिर में रहकर भजन-कीर्तन करते हैं। दिवाली के दूसरे दिन अल सुबह गायों के पूजन के बाद गांव में जमीन पर लेट जाते हैं। इसके बाद गांव की एक दर्जन से अधिक गायें उनके ऊपर से एक साथ दौड़ती हुई निकलती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गाय के पैरों के नीचे आकर आज तक कोई घायल नहीं हुआ। किसी को एक खरोंच तक नहीं आई।
'गौरी पूजन' की अनोखी परंपरा: गोवर्धन पूजा पर इंसानों को रौंदकर निकलती हैं गायें pic.twitter.com/lHF0ZRr3of
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मन्नत पूरी होने पर हर साल परंपरा में लेते हैं हिस्सा
भिड़ावद में शनिवार को अनोखी प्रथा निभाई गई। एक गली में बड़ी संख्या में गायों को रोककर रखा। इसके बाद उपवास रखने वाले लाखन अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, रामचंदर चौधरी, कमल मालवीय, सोनू सिसोदिया जमीन पर लेट गए। फिर एक साथ सभी को छोड़ा। गाय लेटे हुए लोगों को पैरों से रौंदते हुए निकली। मान्यता है कि ऐसा करने से गांव में खुशहाली आती है। जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वे खेल का हिस्सा बनते हैं। मन्नत पूरी होने पर ग्रामीण हर साल इस परंपरा में भाग लेते हैं।
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