Ujjain Popular Places: मध्यप्रदेश में 55 जिले हैं। हर जिले की अपनी एक अलग पहचान है। रहन-सहन, बोली, व्यंजन के लिहाज से भी यह एक-दूसरे से अलग हैं। हरिभूमि आपको 'मेरा शहर' सेगमेंट के तहत हर दिन एक जिले की संस्कृति, सभ्यता और वहां की परंपराओं से रूबरू कराता है। बुधवार, 23 अक्टूबर को जानें महाकाल की नगरी उज्जैन की खासियत...।   

उज्जैन का इतिहास 

  • उज्जैन मध्य प्रदेश का 5वां सबसे बड़ा शहर है। इसका इतिहास 5000 साल पुराना है। ब्रह्म पुराण में भी में वर्णन मिलता है। अग्निपुराण और गरुड़ पुराण में उज्जैन को मोक्षदा और भक्ति-मुक्ति कहा गया है।
  • उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी के तौर ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां देश का इकलौता मंदिर है, जहां चिता की ताजी भस्म से बाबा महकाल की आरती होती है।
  • उज्जैन का पुराना नाम अवंतिका है। हर 12 साल में यहां महाकुंभ मेला लगता है। यह सात मुक्ति प्रदान करने वाले शहरों में से एक है। राजा भर्तरी की गुफा काफी प्रसिद्ध है। लोग बताते हैं कि उज्जैन में भगवान विष्णु के चरणचिह्न हैं। 
उज्जैन में घूमने वाली 7 लोकप्रिय जगहें।

उज्जैन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

  • महाकालेश्वर मंदिर (Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple): यह मंदिर भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकाल मंदिर की महिमा का वर्णन पुराणों में भी है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति विराजी है। श्री गणेश, माता पार्वती और कार्तिकेय की मूर्ति स्थित है। दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है।
  • भादवामाता मंदिर (Bhadwa Mata Temple): यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। मंदिर के पास एक कुआं स्थित है। मान्यता है कि इस कुएं के जल से नहाने पर लकवा और पोलियो जैसी गंभीर बीमारियां ठीक होती हैं। नवरात्रि में विशेष पूजा होती है। 
  • राजराजेश्वरी माता मंदिर  (Rajarajeshwari Mata Temple): राजराजेश्वरी माता मंदिर चीलर नदी के तट पर स्थित है।  मंदिर निर्माण 300 साल पहले सन 1781 में की गई थी। इस मंदिर में मूर्ति की ऊंचाई 6 फीट है मंदिर में ऋद्धि-सिद्धि और गणपति की मूर्तियां भी स्थापित की गयी हैं। यह मंदिर पर्यटकों के लिए आस्था का एक केंद्र है।
  • बड़े गणेश मंदिर (Shree Bada Ganesh Temple): महाकालेश्वर मंदिर के निकट बड़े गणेश मंदिर है। यहां गणपति की विशाल प्रतिमा स्थित है। बड़ा गणेश मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। महिलाएं गणेश प्रतिमा को रक्षासूत्र बांधती हैं। 
  • मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple): उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल भारी रहता है वे अपने ग्रहों की शांति के लिए यहाँ पूजा-पाठ करवाने आते हैं।  यह मंदिर काफी पुराना है। यहाँ मंगलनाथ भगवान की शिवरूपी प्रतिमा का पूजन किया जाता है। हर मंगलवार के दिन इस मंदिर में श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है।
महाकाल लोक उज्जैन
  • गोपाल मंदिर (Gopal Temple): गोपाल मंदिर उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है।  मंदिर का निर्माण 1833 में कराया गया था। मंदिर में गोपाल कृष्ण की प्रतिमा स्थित है। मंदिर का चांदी द्वार आकर्षण का केंन्द्र हैं।
  • गांधीसागर बांध (Gandhi Sagar Dam): गांधीसागर बांध उज्जैन से 168 किमी दूर स्थित है। जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। गांधी सागर डैम की नींव प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 7 मार्च, 1954 को रखी थी।  
  • कैक्टस गार्डन सैलाना (Cactus Garden of Sailana): यह शांति और खूबसूरती का खजाना है। कैक्टस गार्डन में एक आदमी की ऊंचाई से दो बार कैक्टि देख सकते हैं। जो पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं। यहां लगभग 1200 विभिन्न प्रकार के कैक्टि हैं।
गांधी सागर डैम उज्जैन-मंदसौर


उज्जैन के प्रमुख व्यंजन

  • गुलाब जामुन: गुलाब जामुन यहां का प्रमुख व्यंजन है इसे रोज बैरी भी कहा जाता है।  यह गाड़े दूध से बनाई जाने वाली एक मिठाई है, जो यहां काफी प्रसिद्ध है।
    Ujjain Famous Dishes
  • दाल बाफला: दाल बाफला उज्जैन का प्रसिद्ध भोजन है। बाफला के लिए आटे के गोले को पहले हल्दी के पानी में उबाला जाता है और फिर सेका जाता है। इसके बाद बाफला को शुद्ध घी के साथ परोसा जाता है।
  • रतलामी सेव: रतलामी सेव यहां का प्रमुख व्यंजन है। यह सबसे लोकप्रिय नमकीन स्नैक है, इसे बेसन, लौंग, काली मिर्च और कई मसालों के साथ बनाया जाता है।
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उज्जैन के प्रमुख फसलें

  • गेहूं: उज्जैन में गेहूं प्रमुख उत्पादन है |
  • सोयाबीन: उज्जैन में उच्च गुणवत्ता का सोयाबीन उत्पादित किया जाता है। सोयाबीन भोजन पशु आहार और कई पैक भोजन के लिए प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • संतरा: यहां संतरे की फसल होती है | यहाँ के संतरे पूरे देश प्रसिद्ध हैं ।
  • अफीम एवं शारोद कारख़ाना: भारत का दूसरा अफीम के प्रसंस्करण है। अल्कल जो राजस्थान की सीमा से 5 किमी में फैला है। अफीम फैक्ट्री और अल्कलॉइड वर्क्स।  अफीम फैक्ट्री का उदघाटन दिनांक 1 अप्रैल, 1935 को हुआ। अल्कालॉइड कार्यों की शुरुआत 6 अक्टूबर 1976 से की गई।
  • स्लेट-पेंसिल: स्लेट-पेंसिल इंडस्ट्री संभाग अन्तर्गत इंडस्ट्री है। मंदसौर स्लेट पेंसिल निगम भारत के प्राकृतिक स्लेट-पेंसिल के मुख्य निर्माता है। 

उज्जैन की भाषा, बोली और आबादी 
उज्जैन मध्य प्रदेश का संभागीय मुख्यालय है। यह 152 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला। यहां की आबादी 7.30 लाख के करीब है। यहां के धार्मिक प्रवत्ति के लोग ज्यादा रहते हैं। जो मालवा की स्थानीय बोली और हिंदी बोलते हैं। सेवाभाव और सहयोगकी भावना यहां लोगों का जन्मजात स्वभाव है।