भोपाल। मध्य प्रदेश के सबसे अमीर भाजपा विधायक चैतन्य कश्यप ने विधानसभा में वेतन और भत्ते नहीं लेने का ऐलान 21 दिसंबर को किया था। मंत्री चैतन्य के इस निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक्स पर तीन Tweet किए। पहली पोस्ट में उमा भारती ने मंत्री चैतन्य पर तंज कसा। उमा की इस पोस्ट पर सियासत गरमा गई तो उन्होंने कुछ घंटे बाद दूसरी पोस्ट कर सफाई दी। इसके बाद उमा भारती ने तीसरी पोस्ट की। इस Tweet में उमा ने चैतन्य के साथ फोटो साझा किए हैं। फोटो में पूर्व सीएम कैबिनेट मंत्री के माथे पर तिलक लगा रही हैं।
पढ़िए उमा का हर Tweet कुछ कहता है!
पहली पोस्ट: '296 करोड़ वाला सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो कौन सी बड़ी बात'
उमा भारती ने कैबिनेट मंत्री चैतन्य कश्यप को लेकर बुधवार सुबह अपने एक्स पर लिखा था कि हाल ही में मंत्री बने रतलाम के संपन्न जैन व्यवसायी चैतन्य कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की है। कुछ दिनों पहले ही मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ लिखी थी कि वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते, जो सालभर का 12 लाख होता है। 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौन सी बड़ी बात है। चैतन्य कश्यप सरकार को वेतन वापस करने के बजाय उस राशि को अभावग्रस्त लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। हमें याद रखना पड़ेगा की सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और न वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं।
जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए
उन्होंने एक्स पर यह भी लिखा कि एक बार सांसद वरुण गांधी ने कहा था कि सांसदों को वेतन और पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण गांधी ऐसा कर सकते हैं। क्योंकि वरुण गांधी हजारों करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक हैं। अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए। अगर विधायकों और सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चैतन्य कश्यप जैसे पूंजीपति विधायकों को छोड़कर सभी विधायक के वेतन और अन्य भत्ते आज की सभी परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए।
दूसरी पोस्ट: मैं असहाय की मदद करती हूं लेकिन सरकार को वापस नहीं करती
बुधवार शाम चार बजे उमा भारती ने फिर एक्स पर पोस्ट किया। उमा ने लिखा कि जो मुझे आशंका थी वही हुआ। कुछ लोगों ने मेरी बातों का गलत मतलब निकाल ही लिया। लोकतंत्र में अमीर हो या गरीब, सबको सांसद या विधायक होने का अधिकार है। स्वयं मैं जब आठ वर्ष की थी तब से आज तक मैंने सुविधा संपन्न जीवन जिया है। मैं सरकार से प्राप्त सुविधाओं का पात्रता और आवश्यकता के अनुसार उपयोग करती हूं। कभी-कभी किसी संस्था, कोई असहाय महिला या किसी बच्चे की शिक्षा की सुविधा के लिए मैं चेक से ही राशि देती हूं। लेकिन सरकार को कुछ वापिस नहीं करती।
'सब बराबर हैं, जनता सबको वोट देती है,
उमा ने आगे लिखा कि रतलाम के विधायक जो अभी मंत्री बने हैं। वे बहुत बड़े व्यवसायी और बहुत बड़े दानी भी हैं। मुझे उनसे कोई तकलीफ नहीं है। वरुण गांधी और उनके इस विवरण को सुनकर की वो सांसद या विधायक की सुविधा नहीं लेते। तो यह बड़ी बात नहीं है, किंतु जिन जनप्रतिनिधियों का जीवन यापन और अतिथि सेवा इन्हीं सुविधाओं से होता है, वे स्वयं को छोटा अनुभव करेंगे, जब की ऐसा नहीं है। सब बराबर हैं। जनता सबको वोट देती है।
तीसरी पोस्ट: उमा ने चैतन्य को तिलक लगाया
बुधवार को शाम करीब 5.45 बजे उमा भारती ने एक्स पर तीसरी पोस्ट डाली। इस बार की पोस्ट में उमा ने चैतन्य कश्यप के साथ फोटो भी पोस्ट किए हैं। पोस्ट में उमा भारती चैतन्य कश्यप को तिलक लगा रही हैं। पोस्ट में उमा ने लिखा है कि रतलाम से विधायक एवं हाल ही में बने प्रदेश सरकार के मंत्री चैतन्य कश्यप मेरे दूसरे tweet के जवाब में स्वयं उपस्थित हो गए। चैतन्य कश्यप को मैं 20 साल से जानती हूं। वे बहुत बड़े व्यवसायी, बहुत बड़े दानी और समाजसेवी हैं। वे अपने व्यवसाय से प्राप्त लाभ का बहुत बड़ा हिस्सा दान करते हैं। किंतु फिर भी मैंने अपना सुझाव दोहराया कि वे अपने वेतन एवं भत्ते सरकार को वापस करने की जगह पर दान की राशि में शामिल कर लिया करें। कश्यप ने इस पर कहा कि वे इस पर विचार करेंगे। उमा ने उन्हें सफल मंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद भी दिया।