नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले युवाओं ने इंदौर सहित प्रदेशभर विरोध प्रर्दशन किया। इंदौर कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 3 घंटे तक धरना-प्रदर्शन चला। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने पटवारी भर्ती प्रक्रिया रोके जाने की मांग की। साथ ही कहा, जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
पटवारी भर्ती घोटाले पर कांग्रेस मुखर, सरकार को साधा निशाना
मप्र पटवरी भर्ती फर्जीवाड़े पर कांग्रेस भी मुखर है। पूर्व मंत्री प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने X प्रदर्शन कर रहे युवाओं का वीडियो रिट्वीट कर सरकार निशाना साधा। कहा, नई सरकार बने 3 महीने भी पूरे नहीं हुए और युवा सड़क पर उतर आए। युवाओं का यह हुजूम बताता है कि मप्र सरकार रोजगार को लेकर संवेदनशील नहीं है।
10 में सात टॉपर भाजपा विधायक के कॉलेज से
राज्य सरकार ने गत वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले पटवारी भर्ती की परीक्षा कराई थी। इसमें टॉप करने वाले 10 में से सात अभ्यर्थियों ने ग्वालियर स्थित भाजपा विधायक के कॉलेज में परीक्षा दी थी। मामला उजागर हुआ तो विपक्षी दलों सहित युवाओं ने मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद सरकार ने जांच कराने के निर्दश दिए।
क्लीनचिट के बाद काउंसलिंग का कार्यक्रम जारी
रिटायर्ड जस्टिस की देखरखे में जांच हुई। लेकिन आरोप लगाने वाले अभ्यर्थी और राजनीतिक दलों के पदाधिकारी गड़बड़ी के साक्ष्य नहीं दे पाए। जांच कमेटी ने पटवारी भर्ती परीक्षा को पारदर्शी बताते हुए क्लीनचिट दे दिया। जिसके बाद मप्र कर्मचारी चयन मण्डल ने पटवारी भर्ती परीक्षा-2022 के परिणाम घोषित कर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग का कार्यकम भी तय कर दिया। जिसे लेकर युवाओं में आक्रोश है।