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VD Sharma on Digvijay Singh: MP भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर हमला बोला है। दमोह में कहा कि कांग्रेस असहाय हो गई है। दिग्विजय सिंह रो रहे हैं। कह रहे हैं कि मेरी लड़ने की इच्छा नहीं थी। खजुराहो में मैदान छोड़कर भाग गए।

VD Sharma on Digvijay Singh: लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। मध्यप्रदेश की सियासत में तीखी बयानबाजी हो रही है। भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं। दमोह में भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी का नामांकन दाखिल करवाने पहुंचे MP भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। वीडी ने कहा कि कांग्रेस असहाय हो गई है। दिग्विजय सिंह रो रहे हैं। दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि मेरी लड़ने की इच्छा नहीं थी। मुझे खुद भेजा जा रहा है। जब उनके हालात खराब हैं तो यहां दमोह में उनके प्रत्याशी के क्या हालात होंगे।

बूथ-बूथ पर लोग भाजपा को JOIN कर रहे हैं 
वीडी ने आगे कहा कि खजुराहो के अंदर मैदान छोड़कर भाग गए। पूरे मध्यप्रदेश के अंदर कांग्रेस के पास नेतृत्व नहीं बचा है। जनता ने नकार दिया है। आज बूथ-बूथ पर लोग भारतीय जनता पार्टी को JOIN कर रहे हैं। वीडी शर्मा ने कहा कि छह अप्रैल को पूरे प्रदेश में एक साथ Joining अभियान चलेगा। एक दिन में एक लाख कार्यकर्ताओं को बीजेपी में join कराया जाएगा।  

दमोह में भाजपा विजय का इतिहास बनाएगी 
वीडी शर्मा ने कहा कि पहले हमारे कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने यहां जनता की बेहतर सेवा की। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने भाई राहुल लोधी को अवसर दिया है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक बूथ पर विजय का इतिहास बनाएगी। वीडी ने कहा कि दमोह चुनाव में कमल का फूल भाई राहुल लोधी के नेतृत्व में खिलेगा। 

दिग्विजय की पत्नी भी कर रही हैं चुनाव प्रचार 
बता दें कि कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को राजगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। दिग्विजय सिंह इन दिनों वादा निभाओ पद यात्रा कर रहे हैं। उनकी पत्नी अमृता सिंह भी पदयात्रा में शामिल हुईं। अमृता सिंह ने कहा कि अपने पति के समर्थकों से मिलीं तो मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई बढ़े दिनों के बाद अपने घर लौटा है। अमृता ने कहा कि चुनाव कोई सा भी हो उसे चुनाव की तरह ही लड़ा जाना चाहिए। हम अपने प्रतिद्वंद्वी को कभी हल्के में नहीं लेते और मेरा मानना है कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस का कोई सा भी कार्यक्रम हो अपनी क्षमता से ज्यादा उसमें मेहनत करते हैं और उन्हीं का हम हाथ बटा रहे हैं। 

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