MP market: मध्य प्रदेश के सब्जी बाजारों में महंगाई की मार है। भोपाल सहित कई जिलों में सब्जियों की कीमतों में काफी तेजी है। जबकि दालों के भाव गिरे हैं। बेहतर मानसून और दलहनी फसलों के बुवाई का रकबा बढ़ने से सभी तरह की दालों की कीमतों में गिरावट आई है। जुलाई में दालों के थोकभाव 15 फीसदी तक कम हुए हैं। हालांकि खुदरा बाजार में ज्यादा मंदी नहीं दिखाई दे रही। सरकार भी दालों की महंगाई रोकने के लिए स्टॉक पर नजर रखे हुए है। जानें जुलाई में किस दाल के भाव कितने गिरे।
बारिश से फसलों को फायदा
दाल कारोबारियों के मुताबिक, इस बार रुक-रुककर हुई बारिश से दलहनी फसलों को काफी फायदा मिला है। व्यापारियों का कहना है कि देश के दलहनी फसल उत्पादक राज्यों में इस बार अच्छी पैदावार होगी। अभी बाजार में सभी तरह की दालों का पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन चौमासा सीजन के चलते मांग कमजोर है। अगस्त में त्योहारी मांग के हिसाब से बाजार का रुख स्पष्ट होगा।
जानें किस दाल के कितने गिरे भाव
दाल | 1 जुलाई | 31 जुलाई | थोक भाव |
तुअर दाल | 185/190 | 170/175 | 150/160 |
चना दाल | 98/100 | 90/92 | 81/84 |
मसूर दाल | 98/100 | 90/92 | 74/78 |
मूंग दाल मोगर | 125/130 | 118/120 | 103/108 |
मूंग दाल छिली | 118/120 | 108/110 | 92/98 |
उड़द दाल मोगर | 135/140 | 125/130 | 115/130 |
उड़द दाल छिली | 130/132 | 120/125 | 106/115 |
नोट: दालों के स्थानीय बाजारों में खुदरा एवं थोक भाव (रुपए/किलो)
अभी मांग कमजोर है
भोपाल थोक दाल-चावल व्यवसायी संघ के अध्यक्ष ईश्वरदास संगतानी के मुताबिक, जुलाई में सभी तरह की दालों में 400 से 500 रुपए क्विंटल की गिरावट आई है। हालांकि अभी मांग बेहद कमजोर है। रक्षाबंधन पर दालों में घरेलू और व्यवसायिक दोनों तरह की मांग निकलेगी। तंजानिया से आयातित तुअर भी जल्द ही आने वाली है। इससे भावों पर अंकुश लगेगा।
सब्जियों के दाम बढ़े
सब्जियों की बात करें तो आलू, प्याज, टमाटर सहित महंगी सब्जियों ने रसोई का बजट बिगड़ दिया है। आलू फुटकर में 40, प्याज 50 और टमाटर 70-80 रुपए किलो तक बिक रहा है। पालक और कुछ हरी सब्जियों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के दाम भी 50 रुपए किलो तक हैं। थोक और फुटकर व्यापारियों का कहना है कि आवक के घटने से सब्जियां महंगी
जानें कौन सी सब्जी, किस रेट में बिक रही
सब्जी | थाेक | फुटकर |
आलू | ₹28-32 किलो | ₹40 किलो |
प्याज | ₹25-30 | ₹40-50 |
टमाटर | ₹50 | ₹70 |
शिमला मिर्च | ₹70 | 100-120 |
पालक | ₹30 | ₹50 |
हरा धनिया | ₹100-150 | ₹200 |
भिंडी | ₹40 | ₹60-80 |
गिलकी | ₹40 | ₹50-60 |
बरबटी | ₹40 | ₹60-80 |
फूल गोभी | ₹50-60 | ₹70-80 |
हरी मिर्च | ₹70-80 | ₹100-120 |
ब्रोकली | ₹120 | ₹200 |
इसलिए सब्जियां महंगी
थोक व्यापारी राजेंद्र कुमार कुशवाहा का कहना आलू और टमाटर की आवक बड़ी मात्रा में घटी है। इसलिए दोनों के रेट बढ़ गए हैं। पूरे भारत में अभी टमाटर सिर्फ बेंगलुरु से आ रहा है। पर्याप्त मात्रा में टमाटर की आवक नहीं हो पा रही है। इसलिए महंगा बिक रहा है। आलू की पैदावार कम हो रही है। इसलिए आलू की कीमत आगे भी कम नहीं होगी। कुछ दिन बाद महाराष्ट से टमाटर आने लगेगा तो दाम कम हो जाएंगे, लेकिन आलू के दाम कम होने की उम्मीद नहीं है। प्याज के दाम अगले 20-25 दिन में काफी कम हो जाएंगे। बाकी सब्जियों के दाम भी कम होंगे।