(मनोज रजक/सतना): सतना में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की सरकारी खरीदी में 93 लाख के ऑनलाइन फ्राड (Satna Wheat Scam) का मामला सामने आया है। 19 फर्जी किसानों के नाम पर 93 लाख की बिलिंग कराने की बात सामने आई। जिले के कारीगोही खरीदी केंद्र पर यह हेरफेर की गई। खरीदी केंद्र के अघोषित संचालक शिवा सिंह ने पहले तो 66 पंजीकृत किसानों से एमएसपी दर पर खरीदे गए गेहूं के फर्जी दस्तावेज बनाए। इसके बाद 19 फर्जी किसानों के नाम पर इसकी बिलिंग करवा दी। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अब इस मामले में एक्शन लिया है।
8 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
इस घोटाले में धारकुंडी थाने में दो महिलाओं सहित 8 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। फर्जीवाड़े को अंजाम देने में जायतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सीता गिरि, ऑपरेटर अभिलाषा सिंह, शिवा सिंह, नान के अधिकृत परिवहनकर्ता के ऑपरेटर सम्राट सिंह, नान के उपार्जन ऑरपरेटर नरेंद्र पांडेय, धनंजय द्विवेदी, आरबी एसोसिएट के सर्वेयर सतीश द्विवेदी और आईडी ऑपरेटर राकेश सिंह की संलिप्तता होने की बात सामने आई है।
ऐसे किया गेहूं का घोटाला
जांच में पाया गया है कि जायतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह कारीगोही के गेहूं खरीदी केंद्र से 8 मई को 8 ट्रक गेहूं और 13 मई को 5 ट्रक गेहूं लखनवाह स्थित एसडब्लूसी के वेयर हाउस यानी कि गोदाम के लिए भेजा गया। हालांकि, बीच में ही इन 13 ट्रकों के रैक प्वाइंट का रूट डायवर्ट कर दिया गया। इन ट्रकों का गेहूं गोदामों तक नहीं पहुंचा, लेकिन फर्जी तरीके से यह दिखा दिया कि गेहूं गोदाम पहुंच गए हैं।
ई-उपार्जन के पोर्टल पर नहीं दी गई सही जानकारी
हैरानी की बात ये रही कि घोटाले के इस खेल में ई-उपार्जन के पोर्टल पर सही जानकारी नहीं अपलोड की गई। न तो गेहूं का एक भी ट्रक लोड किया गया और न ही ट्रक गोदाम तक पहुंचा। इसके बावजूद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) की आउट सोर्स कंपनी आरबी एसोसिएट के सर्वेयर ने स्वीकृति पत्र जारी कर दिए। इस तरह 200 से अधिक किसानों के खाते में 93 लाख की राशि ऑनलाइन आ गई।
लॉग-इन आईडी हैक होने का दिया हवाला
मामले की जांच में नान के अधिकृत ट्रांसपोर्टर सम्राट सिंह ने लॉग-इन आईडी हैक होने का हवाला दिया है। वहीं, स्वीकृति पत्र जारी करने वाले नान की आउट सोर्स कंपनी आरबी एसोसिएट के सर्वेयर सतीश द्विवेदी का कहना है कि उसकी फर्जी लॉग-इन आईडी से स्वीकृत पत्र जारी किए गए। मामले में राज्य शासन ने संज्ञान लेकर तत्कालीन डीएम नान और डीएसओ को सस्पेंड कर दिया गया है। कलेक्टर को उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।