AIIMS Bhopal: आज 10 जून को विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day) के अवसर पर भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह मौजूद रहे।
इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा कि किसी भी संस्था को उसके द्वारा किये जाने वाले कामों को एक्रीडिटेशन मिलने से लोगों को यह भरोसा मिलता है कि जिन उत्पादों, सेवाओं और प्रणालियों पर वे भरोसा करते हैं, वे आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं। एक्रीडिटेशन मिलने से लोगों का विश्वास बढ़ता है।
मध्यभारत का पहला सरकारी अस्पताल
उन्होंने कहा कि हाल ही में एम्स भोपाल को उसकी सभी सेवाओं के लिए क्वालिटी कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज़ से एक्रीडिटेशन प्राप्त हुआ है जो मध्य भारत में यह दर्ज़ा प्राप्त करने वाला पहला सरकारी अस्पताल है।
विश्व प्रत्यायन दिवस हर साल नई थीम में
कार्यक्रम का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग म्यूचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (आईएलएसी एमआरए) एवं नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज़ (एनएबीएल) द्वारा किया गया। विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day) हर साल एक नई थीम पर आधारित होता है। इस वर्ष 2024 में विश्व प्रत्यायन दिवस की थीम “प्रत्यायन: कल को सशक्त बनाना और भविष्य को आकार देना” निर्धारित की गई है।
नई तकनीकों के जुड़े मुद्दों का निकलेगा हल
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डिजिटलाइजेशन, नई तकनीकों और स्थिरता से जुड़े मुद्दों का हल तलाशने की बात की गई। आईएलएसी म्यूचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (आईएलएसी एमआरए) अंशांकन, परीक्षण, चिकित्सा परीक्षण और निरीक्षण परिणामों, दक्षता परीक्षण कार्यक्रमों के प्रावधान और मान्यता प्राप्त अनुरूपता मूल्यांकन निकायों की संदर्भ सामग्री के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी आधार प्रदान करता है।
सामाजिक देखभाल और प्रदूषण रहित वातावरण
यह बदले में स्वीकृति में विश्वास प्रदान करता है। जो व्यवस्था स्थानीय और राष्ट्रीय सेवाओं के प्रावधान का समर्थन करती है, जैसे सुरक्षित भोजन और स्वच्छ पेयजल प्रदान करना, ऊर्जा प्रदान करना, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रदान करना या एक प्रदूषण रहित वातावरण बनाए रखना होता है।