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Ajit Pawar Advice: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने गडचिरोली में खुले मंच से स्वीकार किया कि परिवार को तोड़ने वालों को समाज स्वीकार नहीं करती है। कहा- मैंने अपनी गलती मान ली है।

Ajit Pawar Advice: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार ने शनिवार को एक सभा में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पत्नी को NCP (SP) नेता सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारकर गलती की। उन्होंने एक महीने के अंदर दूसरी बार इसे स्वीकार किया है। महाराष्ट्र के गडचिरोली में एनसीपी की जनसमान रैली को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने पार्टी नेता और राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP (SP) में शामिल होने से बचने की सलाह दी। 

अजीत पवार ने कहा कि समाज पारिवारिक विवादों को पसंद नहीं करता और उन्होंने स्वयं ऐसे संघर्षों का अनुभव किया है, इसलिए उन्हें लगता है कि यह सही नहीं है।

समाज परिवारिक रिश्ते तोड़ने को स्वीकार नहीं करता: अजीत
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा- "एक बेटी को उसके पिता से ज्यादा कोई प्यार नहीं करता है, शादी के बाद भी। आत्राम ने गडचिरोली में अपनी बेटी का सपोर्ट किया और उसे जिला परिषद का अध्यक्ष बना दिया। अब आप (भाग्यश्री) अपने ही पिता के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। क्या यह उचित है?"
 उन्होंने कहा, "आपको अपने पिता का समर्थन करना चाहिए और उनकी जीत में मदद करनी चाहिए, क्योंकि वे ही क्षेत्र के विकास के लिए सक्षम और दृढ़ संकल्पित हैं। समाज परिवारिक रिश्ते तोड़ने को स्वीकार नहीं करता। मैंने खुद अनुभव किया और अपनी गलती मान ली है।"

लोकसभा चुनाव में अजीत पवार को हुआ था नुकसान
बता दें कि अजीत पवार का यह बयान लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी सुनेत्रा और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले से जुड़ा हो सकता है। NCP (अजीत गुट) ने शरद पवार से अलग होने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में 4 में से 3 सीटें गंवा दीं, जिसमें बारामती भी शामिल थी। अजीत ने यह भी कहा कि राजनीति को पारिवारिक मुद्दों के साथ नहीं मिलाना चाहिए। 

डिप्टी सीएम ने धर्मराव आत्राम की जमकर तारीफ की
धर्मराव आत्राम गडचिरोली जिले की अहेरी सीट से विधायक हैं और अजीत पवार के गुट में शामिल हैं। अजीत पवार ने कहा कि आत्राम की बेटी ने अपने पिता से राजनीति सीखी है। आत्राम राजनीति के 'वास्ताद' (मास्टर) हैं, जो हमेशा अपने विरोधी से एक कदम आगे रहते है और सही समय पर फैसला लेते हैं। जैसे कि वास्ताद, आत्राम अपने शिष्य को सब कुछ नहीं सिखाते हैं।”

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