Aurangabad Industrial City: मराठवाड़ा, जो ऐतिहासिक रूप से उपेक्षित और सूखा-प्रवण क्षेत्र रहा है, महाराष्ट्र के औद्योगिक नक्शे पर एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। महायूति सरकार और विशेषकर डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में किए गए प्रयासों के कारण इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है।
महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में सीमित संसाधनों के कारण विकास की गति धीमी रही। लेकिन Aurangabad Industrial City (AURIC) और Delhi-Mumbai Industrial Corridor (DMIC) जैसी परियोजनाओं के माध्यम से यहां नए उद्योगों का आगमन हो रहा है। औरंगाबाद अब एक आधुनिक औद्योगिक हब में बदल रहा है जो उच्च तकनीक और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है।
Delhi-Mumbai Industrial Corridor (DMIC): एक महत्वाकांक्षी परियोजना
DMIC भारत की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना है। DMIC परियोजना में आठ नए औद्योगिक शहर बनाए जा रहे हैं, जिसमें औरंगाबाद का AURIC प्रमुख है। DMIC के माध्यम से इस क्षेत्र को बेहतर औद्योगिक और व्यापारिक नेटवर्किंग में मदद मिलेगी और Marathwada क्षेत्र में आर्थिक संभावनाओं का द्वार खोलेगा।
Aurangabad Industrial City (AURIC): भारत का पहला स्मार्ट औद्योगिक शहर
औरंगाबाद के पास स्थित AURIC एक स्मार्ट शहर है, जिसे 10,000 एकड़ जमीन पर विकसित किया गया है। इस परियोजना में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ डिजिटल गवर्नेंस मॉडल, जल पुनर्चक्रण और हरित ऊर्जा जैसी सुविधाएं भी हैं। इसका उद्देश्य न केवल क्षेत्र में निवेश लाना है बल्कि हजारों नौकरियां भी उत्पन्न करना है।
उद्योगों का आगमन और निवेश
इस क्षेत्र में Toyota Kirloskar, Ather Energy, Lubrizol Corporation, Hyosung Group जैसी प्रमुख कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिससे यहां रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। AURIC में स्थापित कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष रसायनों, इंजीनियरिंग और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
भारत का नया औद्योगिक हब, बड़े निवेश और नौकरियों की सौगात
AURIC, महाराष्ट्र का एक उभरता हुआ औद्योगिक क्षेत्र, हाल ही में बड़े निवेशों के चलते भारत का अगला प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर है। यह क्षेत्र कई दिग्गज कंपनियों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो यहां अपनी यूनिट्स स्थापित कर रही हैं। इस विकास से न केवल औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव आएगा, बल्कि मराठवाड़ा क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर का बड़ा निवेश
चर्चा का प्रमुख केंद्र बनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में एक विशाल ग्रीनफील्ड विनिर्माण सुविधा की स्थापना का ऐलान किया है। यह परियोजना 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से संचालित होगी और इस कारखाने में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों का निर्माण किया जाएगा। टोयोटा का यह अत्याधुनिक कारखाना सालाना 400,000 वाहनों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखता है। इस निवेश से स्थानीय स्तर पर 8,000 प्रत्यक्ष और 8,000 अप्रत्यक्ष, कुल मिलाकर 16,000 नौकरियां उत्पन्न होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए AURIC में लगभग 850 एकड़ भूमि आवंटित की है।
कोहलर का डीजल इंजन निर्माण केंद्र
डीजल इंजन बनाने के क्षेत्र में अग्रणी, कोहलर ने भी AURIC में 370 करोड़ रुपये का निवेश करके एक यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिससे लगभग 400 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। कोहलर का यह निवेश इस क्षेत्र की औद्योगिक विविधता को और बढ़ाएगा।
स्थानीय विकास और रोजगार सृजन में AURIC की भूमिका
AURIC की स्थापना से मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मेक इन इंडिया" योजना के तहत की गई है और इसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश आकर्षित करना है।