Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति सरकार गठन के लिहाज से बुधवार (4 दिसंबर) का दिन बेहद अहम है। नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए मुंबई में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व की ओर से ऑब्जर्वर के तौर पर निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी शामिल हुए। देवेंद्र फडणवीस बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री के नाम का भी आधिकारिक ऐलान हो जाएगा। महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार (5 दिसंबर) को शाम 5 बजे होगा।

शिंदे के साथ बैठक मेंशाह का रवैया सख्त
इसबीच, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से जुड़ा नया खुलासा हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट्स में दावा किया है कि शिंदे ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सामने महज 6 महीने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, खबरों के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी नेतृत्व ने 28 नवंबर की बैठक में मिले इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

शिंदे को BJP लीडरशिप से मिला स्पष्ट जवाब
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने एकनाथ शिंदे से कहा कि अगर वह बीजेपी अध्यक्ष के स्थान पर खुद को रखकर देखें, तो क्या वह बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देते। इस सवाल पर शिंदे जवाब नहीं दे सके। बीजेपी लीडरशिप ने स्पष्ट रूप से कहा कि 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने का कोई सिस्टम नहीं है। पार्टी ने इसे प्रशासनिक तौर पर गलत और गलत मिसाल कायम करने वाला फैसला करार दिया है।

BJP का फोकस: स्पष्ट बहुमत के बाद दबाव नहीं
बीजेपी ने साफ शब्दों में कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद के कथित वादे, जिसमें शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई थी, अब प्रासंगिक नहीं हैं। पार्टी का तर्क था कि महायुति ने 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की और बीजेपी बहुमत के करीब है, ऐसे में मुख्यमंत्री पद को साझा करना सही फैसला नहीं होगा। हालांकि, महाराष्ट्र में पिछले दिनों के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर एकनाथ शिंदे और बीजेपी के बीच तालमेल को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

बैठक में कौन-कौन था मौजूद?
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर हुई इस अहम बैठक में अमित शाह के अलावा बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे भी शामिल थे।