विमानों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले की नागपुर पुलिस ने की पहचान: जानें कौन है ये शख्स और क्या चाहता है?

Flights Bomb Threat
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विमानों को बम धमकी देने के मामले में केंद्र ने बुधवार(23 अक्टूबर) को Meta और X को फटकार लगाई।
Bomb Threat: पिछले दो हफ्ते में 400 से ज्यादा यात्री विमानों को ब्लास्ट की धमकी दी गई। फ्लाइट्स में बम की अफवाह के मामले में एजेंसियां 2 युवकों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं।

Bomb Threat: देशभर के हवाई जहाजों में बम धमकी देने के मामले में महाराष्ट्र के गोंदिया के रहने वाले जगदीश उइके (35) की पहचान मंगलवार को हुई। नागपुर पुलिस के मुताबिक, यह आरोपी आतंकवाद पर किताब लिख चुका है। नागपुर पुलिस की डीसीपी श्वेता खेडकर ने बताया कि पुलिस ने फर्जी ईमेल्स का पता लगाकर इस आरोपी को ट्रेस किया है। आरोपी फरार है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम बनाई गई है। पहले भी 2021 में एक मामले में इसे गिरफ्तार किया जा चुका है।

2 हफ्ते में 400 से ज्यागा फ्लाइट्स को बम की धमकी
पिछले दो हफ्तों में 400 से अधिक फ्लाइट्स को बम की धमकी दी गई है। फर्जी धमकियों के मामले में पहले ही दो युवकों को हिरासत में लिया गया था। 26 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने शुभम उपाध्याय (25) को गिरफ्तार किया था, जिसने 25 अक्टूबर को IGI एयरपोर्ट पर बम धमकी की झूठी पोस्ट डाली थी। उसका कहना था कि उसने फेमस होने के लिए ऐसा किया। इसके पहले, मुंबई पुलिस ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के 17 साल के नाबालिग को हिरासत में लिया था, जिसने पैसों के विवाद में दोस्त को फंसाने के लिए बम धमकी का फर्जी पोस्ट किया था।

जगदीश ने कई मंत्रालयों और कार्यालयों को भेजे ईमेल
नागपुर पुलिस के मुताबिक, जगदीश ने प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को ईमेल भेजकर बम धमकी दी थी। 28 अक्टूबर को नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। ईमेल में जगदीश ने आतंकी कोड की जानकारी पेश करने का मौका मांगा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की भी मांग की थी। उसने 21 अक्टूबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी ऐसा ही एक ईमेल भेजा था।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को केंद्र की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने इन फर्जी धमकियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए 26 अक्टूबर को आईटी मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया कि अगर वे ऐसी झूठी सूचनाओं को तुरंत नहीं हटाते, तो उनकी इम्युनिटी आईटी एक्ट के तहत रद्द कर दी जाएगी। मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसी सूचनाओं को हटाकर इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को तुरंत दी जानी चाहिए।

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