तेंदुए की 5 घंटे अटकी रही जान: पानी पीने के लिए बर्तन में डाला मुंह, मगर फंस गई गर्दन, वनकर्मियों ने किया रेस्क्यू, देखें VIDEO

Leopard Stuck in Water Pot: घटना कैमरे में कैद हो गई। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि तेंदुए ने अपना सिर एक बर्तन में फंसा रखा है। वन विभाग के अधिकारियों ने पांच घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए को बचाया।

Updated On 2024-03-03 17:48:00 IST
Leopard Rescued

Leopard Stuck in Water Pot: महाराष्ट्र के धुले जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक गांव में पानी की तलाश में भटक रहे तेंदुए की गर्दन बर्तन में फंस गई। इसके बाद करीब 5 घंटे तक उसकी जान अटकी रही। घटना का वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि तेंदुए ने अपना सिर एक बर्तन में फंसा रखा है। वन विभाग के अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को बचाया।

ट्रैंक्विलाइजर कर बचाई जान
यह घटना शनिवार (2 मार्च) को धुले के सकरी तालुका के शिवारा गांव में हुई। इस घटना से गांववालों में दहशत फैल गई और उन्होंने तेंदुए को बचाने के लिए वन विभाग को फोन किया। वन विभाग के अधिकारी पशुचिकित्सक के साथ मौके पर पहुंचे। पशु चिकित्सकों ने तेंदुए को ट्रैंक्विलाइजर दिया और उस बर्तन को सावधानीपूर्वक हटा दिया, जिसमें तेंदुए की गर्दन फंसी हुई थी।

वन विभाग के अधिकारियों ने बर्तन को मशीन से काटा और फिर उसे तेंदुए के सिर से हटा दिया। अधिकारी तेंदुए को पकड़कर पिंजरे में डालकर अपने साथ ले गए। जिस जानवर का सिर बर्तन में फंसा हुआ था, उसे देखने के लिए जानवर को बचा रहे विभाग के अधिकारियों के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई।

सुबह 7 बजे देखा गया था तेंदुए का जोड़ा
गांव में सुबह करीब 7 बजे एक नर तेंदुआ और एक मादा तेंदुआ को गौशाला के आसपास भोजन और पानी की तलाश करते देखा गया। चूंकि तांबे के बर्तन में पानी था। तेंदुए ने सोचा कि यह पीने के लिए है और उसमें उसने अपनी गर्दन डाल दी। हालांकि, बर्तन का मुंह संकरा होने के कारण पानी पीने की कोशिश में एक तेंदुआ फंस गया।

ऑक्सीजन दी गई, तब मिली राहत
बर्तन से अपनी गर्दन निकालने की कोशिश करते समय तेंदुआ थक गया था। पर्याप्त ऑक्सीजन भी नहीं मिल रही थी जबकि उसका सिर बर्तन में फंस गया था। वन विभाग के अधिकारी समय पर पहुंचे और जानवर को दम घुटने से मरने से पहले बचा लिया। वनकर्मियों ने बर्तन को काटा और देखा कि तेंदुआ पूरी तरह से थक चुका था और तेंदुए को ऑक्सीजन की आपूर्ति करना आवश्यक था। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने क्रेन की मदद से जानवर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की योजना बनाई।

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