Benami Property Case: महाराष्ट्र में महायुति सरकार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर एनसीपी नेता अजित पवार को बड़ी कानूनी राहत मिली। दिल्ली स्थित बेनामी संपत्ति ट्रिब्यूनल ने आयकर विभाग द्वारा सीज की गई उनकी 1000 करोड़ रुपए की संपत्तियों को मुक्त करने का आदेश दिया है। बता दें कि अजित पवार ने 5 दिसंबर को छठी बार राज्य के डिप्टी सीएम की शपथ ली और इसके अगले दिन 6 तारीख को उनके पक्ष में आदेश जारी हो गया।
क्या है मामला?
साल 2021 में आयकर विभाग ने अजित पवार (Ajit Pawar) , उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार पर बेनामी संपत्तियों के आरोप लगाते हुए उनकी कई संपत्तियां सीज कर दी थीं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 7 अक्टूबर 2021 को कई कंपनियों पर छापेमारी के दौरान दस्तावेज़ बरामद किए थे और दावा किया था कि ये दस्तावेज़ पवार परिवार की बेनामी संपत्तियों से जुड़े हैं।
दिल्ली ट्रिब्यूनल कोर्ट का फैसला
बेनामी रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) ने पहले आयकर विभाग के आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद आयकर विभाग ने ट्रिब्यूनल के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी। लेकिन शुक्रवार (6 दिसंबर) को दिल्ली की बेनामी संपत्ति ट्रिब्यूनल कोर्ट ने आयकर विभाग की अपील को खारिज कर दिया और अजित पवार की संपत्तियों को रिलीज करने का आदेश दिया।
नई सरकार में अजित पवार का रोल अहम
महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व में महायुति सरकार का गठन हुआ है। देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि अजित पवार और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जल्द ही मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। अजित पवार के लिए ट्रिब्यूनल का फैसला राजनीतिक और कानूनी दोनों ही मोर्चों पर बड़ी राहत मानी जा रही है।