Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) के विधायकों ने शनिवार को विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार किया है। शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए विरोध का ऐलान किया।
चुनावों में हो रही लोकतंत्र की हत्या
शिवसेना (UBT) विधायक और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा- "हमारे जीतने वाले विधायक आज शपथ नहीं लेंगे। हमें ईवीएम पर संदेह है। यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।" वहीं, कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा- "चुनाव परिणाम संदिग्ध हैं। पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता में नाराजगी है और कुछ गड़बड़ है।"
विशेष सत्र का बहिष्कार करेगा विपक्ष
यह विरोध उस समय हो रहा है जब महाराष्ट्र विधानसभा का नवगठित 288 सदस्यीय विशेष सत्र चल रहा है। इस तीन दिवसीय सत्र में विधायकों को शपथ दिलाने, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करने, नई सरकार का विश्वास प्रस्ताव पेश करने और राज्यपाल के संबोधन का कार्यक्रम तय किया गया है।
प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में सत्र शुरू
नई सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा के स्पेशल सेशन का कामकाज संपन्न कराने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा की गई।
चुनाव में महायुति की ऐतिहासिक जीत
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अगुआई वाले महायुति गठबंधन ने कुल 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद 5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद संभाला है।
ईवीएम पर सवाल और लोकतंत्र की लड़ाई
महाविकास अघाड़ी के विधायकों का यह कदम विधानसभा चुनाव में ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों को लेकर है। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह विरोध जरूरी है। शिवसेना नेता संजय राउत पहले ही ईवीएम में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगा चुके हैं।