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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति सुधारने के लिए महायुति सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वृद्धि, मुफ्त बिजली आपूर्ति, सिंचाई प्रोजेक्ट और काजू व सोयाबीन किसानों के लिए राहत योजनाओं की घोषणा की है।

Maharashtra Politics: भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है और महाराष्ट्र इसका एक प्रमुख केंद्र है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। विशेष रूप से चावल, गन्ना, ज्वार और सब्जियों की खेती पर। महायुति सरकार ने राज्य के किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र में मौजूदा महायुति की सरकार में तीन पार्टियां शामिल हैं, जिसमें बीजेपी, शिवसेना(शिंदे गुट)  और एनसीपी(अजित पवार) है।

MSP में वृद्धि और मुफ्त बिजली आपूर्ति
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है। सोयाबीन, कपास, चावल जैसी फसलों के लिए MSP बढ़ने से उत्पादन लागत को कवर किया जा सकेगा। इसके साथ ही, 44 लाख किसानों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति का वादा किया गया है, जिससे उनकी बिजली के बकाए बिल माफ हो जाएंगे। इससे किसानों को दिन में बिना बाधा बिजली मिलेगी, जिससे रात में सिंचाई की चिंता नहीं रहेगी।

सोयाबीन किसानों को राहत
सोयाबीन किसानों के लिए सरकार ने प्रति हेक्टेयर ₹5,000 देने का निर्णय लिया है, जो विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों के किसानों को लाभ पहुंचाएगा। साथ ही, गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) में वृद्धि की गई है।

सिंचाई और जल परियोजनाएं
महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में जल संकट के समाधान के लिए सरकार ने नदी जोड़ने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें नार-पार, वैनगंगा-नलगंगा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, निलवांडे बांध का उद्घाटन हुआ, जिससे 182 गांवों में सिंचाई संभव हो गई है। मराठवाड़ा वाटर ग्रिड और जनाई शिर्साई योजना जैसी परियोजनाएं भी जल आपूर्ति में सुधार करने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं।

काजू किसानों को सब्सिडी
कोंकण के काजू किसानों के लिए सरकार ने सब्सिडी योजना शुरू की है, जिससे उनकी लाभप्रदता बढ़ेगी। अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।

किसानों को वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 1,000 रुपये, 500 रुपये केंद्र सरकार से और 500 रुपये राज्य सरकार सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कर रही है। इसके अलावा, जो किसान नियमित रूप से अपने ऋण चुकाते हैं उन्हें अब 50,000 रुपये की प्रोत्साहन आधारित ऋण माफी मिल रही है, जिससे उनमें संतोष का भाव उत्पन्न हो रहा है।

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