Baba Siddique Murder: एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों से पूछताछ के बाद चौथे आरोपी के नाम का खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में चौथा आरोपी भी शामिल था, जो बाबा सिद्दीकी के बारे में पल-पल की खबर शूटरों को दे रहा था। पुलिस ने कहा कि चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद इशान अख्तर है। मामले में तीसरा आरोपी अभी फरार चल रहा है।
मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (66) की शनिवार रात तीन हमलावरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। रविवार को कूपर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया। हमले के तुरंत बाद सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस हत्याकांड ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हलके और बॉलीवुड में हलचल मचा दी और इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य संदिग्ध अभी भी फरार है। स हत्याकांड में लॉरेंस विश्नोई गैंग द्वारा जिम्मेदारी लिए जाने की बात सामने आ रही है।
लॉरेंस विश्नोई गैंग पर हत्या का संदेह
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में दावा किया है कि वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं। आरोपियों के नाम करनैल सिंह और धर्मराज कश्यप हैं। करनैल सिंह हरियाणा का निवासी है, जबकि धर्मराज कश्यप उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। दोनों करीब एक महीने से सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए तीनों शूटर ऑटो से बांद्रा ईस्ट पहुंचे थे। पुलिस को शक है कि आरोपियों को कोई अन्य शख्स जानकारी मुहैया करवा रहा था, जिससे वे सिद्दीकी का पीछा कर सकें। इसबीच, एक सोशल मीडिया पोस्ट में विश्नोई गैंग द्वारा जिम्मेदारी लेने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, अभी सीधे तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।
पटाखों के शोर में दब गई गोलियों की आवाज
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए और पुलिस अब आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने 9.9 मिमी पिस्टल से चार से पांच गोलियां चलाईं, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। हमलावरों ने दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान पटाखों की आवाज में गोलीबारी की, जिससे अधिकतर लोग गोली चलने की आवाज नहीं सुन सके।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में जांच के एंगल?
- एनसीपी नेता सिद्दीकी की हत्या के बाद मुंबई पुलिस एक्शन में है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि जांच के लिए क्राइम ब्रांच की 5 टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग एंगल से इन्वेस्टिगेशन में जुटी हैं। अब तक मिले इनपुट के आधार पर मध्यप्रदेश समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के लिए टीमें रवाना की गई हैं।
- न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच के तीन प्रमुख एंगल हैं। 1) कॉन्ट्रैक्ट किंलिंग (सुपारी), 2) कारोबारी दुश्मनी, 3) स्लम रिहेबिलिटेशन प्रोजेक्ट (SRP) को लेकर मिल रही धमकियां।
- मुंबई पुलिस ने अब तक दो शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है, इनमें से एक यूपी और दूसरा हरियाणा का रहने वाला है। फिलहाल तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। हमलावरों को आज फोर्ट कोर्ट में पेशी होगी।
कब और कितने बजे हुई थी हत्या?
मुंबई के बांद्रा इलाके में बाबा सिद्दीकी पर शनिवार रात (12 अक्टूबर) को तीन हमलावरों ने गोलियां चलाईं। सूत्रों के अनुसार चार गोलियां उनके सीने में लगीं, सिद्दीकी को अचेत अवस्था में रात 9:30 बजे लीलावती हॉस्पिटल की इमरजेंसी सर्विस में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद रात 11:27 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सिद्दीकी की राजकीय सम्मान के साथ होगी विदाई
सिद्दीकी का शव रविवार सुबह करीब 6 बजे लीलावती अस्पताल से पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल ले जाया गया। महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी नमाज के बाद उन्हें शाम 7 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जताया गहरा शोक
इस घटना पर उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने गहरा शोक व्यक्त किया और इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। उन्होंने मामले की पूरी जांच का आश्वासन दिया। यह घटना महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर परेशानियां खड़ी कर सकती हैं।
कौन थे बाबा सिद्दीकी?
- बाबा सिद्दीकी ने तीन बार बांद्रा (पश्चिम) विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था और वह मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता थे। वे बॉलीवुड के कई सितारों के साथ अपने संबंधों के लिए भी जाने जाते थे। सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और करीब 48 साल तक इससे जुड़े रहे।
- फरवरी 2024 में उन्होंने पार्टी छोड़कर अजित पवार के एनसीपी गुट का दामन थामा था। कांग्रेस छोड़ते समय उन्होंने कहा था कि उन्हें पार्टी में "करी पत्ते" की तरह इस्तेमाल किया गया, जिससे उनका दर्द साफ झलका था।