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Ajit Pawar: नागपुर हिंसा के बाद महाराष्ट्र की सियासत में 'जुबानी जंग' जारी है। डिप्टी CM अजित पवार ने शुक्रवार (21 मार्च) को बड़ा बयान दिया है। अजित ने कहा-'मुस्लिमों को आंख दिखाई तो बख्शेंगे नहीं'।

Ajit Pawar: नागपुर हिंसा के बाद महाराष्ट्र की सियासत में 'जुबानी जंग' जारी है। पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं। शुक्रवार (21 मार्च) को डिप्टी CM अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। अजित ने कहा कि मुस्लिम भाइयों को जो आंख दिखाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वो कोई भी हो। डिप्टी सीएम ने कहा कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है। अजित के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।

एकता ही असली ताकत 
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और NCP के प्रमुख अजित पवार मुंबई के इस्लाम जिमखाना में शुक्रवार को इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। इफ्तार पार्टी में अजित ने मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया। उपमुख्यमंत्री ने कह कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना है। हमने अभी होली मनाई है, गुड़ी पड़वा और ईद आने वाली है, ये सभी त्यौहार हमें एक साथ मिलकर मनाने हैं। क्योंकि एकता ही हमारी असली ताकत है।

आंख दिखाई तो बख्शेंगे नहीं 
अजित पवार ने आगे कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है, जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा।

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रमजान किसी एक धर्म तक सीमित नहीं
अजित ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू जी महाराज ने जातियों को एकसाथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। अजित ने फिर कहा-रमजान किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, यह इंसानियत, त्याग और आत्मचिंतन का प्रतीक है। यह आत्मसंयम सिखाता है और हमें जरूरतमंदों के दुख-दर्द को समझने की प्रेरणा देता है। रोजा न केवल शरीर को, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है।  

जानिए कैसे भड़की थी हिंसा? 
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार(17 मार्च) को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया। पुतले में आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया। इसमें एक चादर को भी रखा गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक समुदाय विशेष के लोग चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाने लगे।

हिंसा में 33 पुलिसकर्मी
देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद, कुछ युवा दूसरे चौक पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। घरों और दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। 

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