Nagpur violence: 'महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार' ने बड़ी कार्रवाई की है। नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर पर सोमवार (24 मार्च) को बुलडोजर चला। पुलिस-प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण को जमींदोज किया। नगर निगम ने खुद से अवैध निर्माण हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। समय पूरा होने के बाद भी अवैध निर्माण नहीं हटा तो नगर निगम ने कार्रवाई की।
#WATCH महाराष्ट्र: नागपुर हिंसा के आरोपी फहीम खान के घर पर प्रशासन के द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। मौके पर पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। pic.twitter.com/lCSNOSpZKi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2025
फहीम समेत 6 पर देशद्रोह का केस
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। फहीम को 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। फहीम पुलिस हिरासत में है। 21 मार्च को फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई थी। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया है।
जानिए कौन है फहीम
मास्टरमाइंड फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। फहीम सहित 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया है। फ़हीम शमीम ख़ान ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नागपुर से अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। फहीम ने 10वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है। उसके पास मात्र 75,000 रुपए की संपत्ति घोषित की थी। कोई देनदारी या वार्षिक आय दर्ज नहीं की थी। चुनावों में फहीम को मात्र 1,073 वोट मिले थे।
जानिए कैसे भड़की हिंसा?
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार (17 मार्च) को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया। पुतले में आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया। इसमें एक चादर को भी रखा गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक समुदाय विशेष के लोग चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाने लगे।
हिंसा में कई पुलिसकर्मी हुए थे घायल
देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद, कुछ युवा दूसरे चौक पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। घरों और दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
यहां से शुरू हुआ विवाद
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से विवाद शुरू हुआ। अबू ने 3 मार्च को कहा था कि हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। बयान से शुरू हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों तक सियासी आहट पहुंच गई है।