Bombay High Court Ram Mandir News: राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को देखते हुए 22 जनवरी को केंद्र सरकार और कई राज्यों ने आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया था। इसके खिलाफ चार लॉ स्टूडेंट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है।
कोर्ट ने याचिका को किया खारिज
याचिका में छात्रों ने कहा है कि सत्ता में राजनीतिक दल की इच्छाओं के कारण सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एक विशेष बेंच याचिका पर आज सुनवाई करके इसको खारिज कर दिया है।
#UPDATE | Bombay High Court dismisses the petition filed by 4 law students challenging state govt notification regarding holiday on 22nd January for Ram Temple Pran Pratishtha ceremony. pic.twitter.com/kaPDhbG4pl
— ANI (@ANI) January 21, 2024
सेक्युलरिज्म पर हमला बताया
अपनी याचिका पर छात्रों ने सरकार के इस फैसले को सेक्युलरिज्म पर हमला बताया है। अवकाश की घोषणा शायद किसी देशभक्त व्यक्ति या ऐतिहासिक व्यक्ति की स्मृति में की जा सकती है, लेकिन समाज के एक विशेष वर्ग या धार्मिक समुदाय को खुश करने के लिए नहीं।"
सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन
चारों लॉ स्टूडेंट अलग-अलग कॉलेजों से हैं। याचिककर्ता शिवांगी अग्रवाल, सत्यजीत सिद्धार्थ साल्वे, वेदांत गौरव अग्रवाल और ख़ुशी संदीप बंगिया छात्र एमएनएलयू, मुंबई, जीएलसी और निरमा लॉ स्कूल से हैं। मामले की सुनवाई के लिए जस्टिस जीएस कुलकर्णी और नीला गोखले की विशेष पीठ का गठन किया गया है।
छुट्टी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर हमला
इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है, "सार्वजनिक छुट्टियों की घोषणा के संबंध में कोई भी नीति सत्ता में राजनीतिक दल की इच्छा पर आधारित नहीं हो सकती है।