महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर की अटकलें तेज: शरद पवार ने भतीजे अजित पावर, सीएम शिंदे को दिया डिनर का न्यौता, आखिर क्या है माजरा?

महाराष्ट्र की सियासत में सियासी उलटेफेर की अटकलें बढ़ गई है। दरअसल शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को डीनर का न्यौता दिया है। इसकी वजह से कहा जा रहा है कि शरद पवार लोकसभा चुनाव से पहले कोई जोड़-तोड़ कर सकते हैं।;

Update: 2024-02-29 18:03 GMT
Sharad Pawar Invited Ajit Pawar
शरद पवार अपने भतीजे अजित पावर से एक बार फिर करीबी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
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Sharad Pawar Invited Ajit Pawar on Dinner: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से किसी सियासी उलटफेर की संभावना बढ़ गई है। शरद पवार ने 2 मार्च को अपने भतीजे अजित पवार, मुख्यमंत्री एनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को डीनर का न्यौता भेजा गया। सभी को बारामती में विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद अपने घर पर भोजन करने के लिए बुलाया है। ऐसी अफवाह है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट की साजिश रचने वाले अजित पवार, बारामती में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतार सकते हैं।

शरद पवार ने अजित पवार को लिखी चिट्ठी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार को लिखे पत्र में, शरद पवार ने सीएम के बाराममी यात्रा पर खुशी जाहिर की है। साथ ही बारामती में नमो महारोजगार कार्यक्रम के बाद अपने आवास पर भोजन करने का निमंत्रण दिया है। बता दें कि शरद पवार को महारोजगार मेला कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है। इसके बावजूद शरद पवार ने मुख्यमंत्री और उनके विधायकों को अपने गोविंद बाग स्थित आवास पर डीनर के लिए बुलाया है।

बारामाती लोकसभा सीट रहा है शरद पवार का गढ़
यह डिनर का न्यौता ऐसे समय में दिया गया है जब शरद पवार की बेटी सुनेत्रा पवार ने बारामती मतदाताओं के बीच जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह  सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। बारामती लोकसभा सीट लंबे समय से शरद पवार और सुप्रिया सुले का गढ़ रही है। इस सीट से  शरद पवार चार बार और सुप्रिया सुले तीन बार सांसद चुनी गईं हैं। 

जुलाई 2023 में टूट गई थी एनसीपी
बता दें कि जुलाई 2023 में, अजित पवार एनसीपी से अलग हो गए और महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए। एनसीपी  दो गुटों में बंट गई थी। इसके बाद अजित पवार ने असली एनसीपी पार्टी होने का दावा किया था। हाल ही में चुनाव आयोग  अजित पवार के गुट को "असली" एनसीपी के रूप में मान्यता दे दी है। इसके बाद से शरद पवार के गुट का नाम 'एनसीपी-शरदचंद्र पवार' हो गया है। 

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