Pune Porsche Crash: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे एक्सीडेंट केस में पुलिस ने शुक्रवार को कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस के अनुसार, इस हाईप्रोफाइल केस में आरोपी किशोर और उसके परिवार के कई सदस्य- माता-पिता और भाई भी नशे में थे। यह हादसा तब हुआ था, जब आरोपी किशोर 2.5 करोड़ रुपए की इलेक्ट्रिक पोर्शे कार चला रहा था और कार बेकाबू होकर बाइक सवार दो लोगों को कुचलते हुए निकल गई थी, जिससे उनकी मौत हो गई।

हादसे वाली रात किशोर के पिता-भाई भी थे नशे में
महाराष्ट्र पुलिस का दावा है कि एक्सीडेंट के बाद किशोर का गिरफ्तारी से बचाने के लिए ससून अस्पताल के डॉक्टरों को रिश्वत दी गई थी, ताकि किशोर के ब्लड सैंपल बदलकर उसके शरीर में एल्कोहल के लेवल को छिपाया जा सके। शुरुआत में आरोपी के पिता या भाई का ब्लड सैंपल कलेक्ट करने का प्लान था, लेकिन उन दोनों के भी नशे में होने के कारण आखिर में मां का ब्लड सैंपल लिया गया। इस मामले में किशोर की मां को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपी किशोर की मां ने पहले एक वीडियो मैसेज जारी किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वायरल वीडियो, जिसमें उनके बेटे को देखा जा रहा है, फर्जी है और पुलिस से उसे बचाने की गुहार लगाई थी।

पोर्शे केस में किशोर को बचाने में डॉक्टर भी शामिल
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के वक्त आरोपी किशोर इतना नशे में था कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में उसके ब्लड में अल्कोहल का स्तर 'निगेटिव' पाया गया, जिससे मामले में शक गहराता चला गया। हिंट एंड रन के हाईप्रोफाइल केस में किशोर को बचाने की साजिश में शामिल होने के आरोप में ससून अस्पताल के दो डॉक्टर, डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हालनोर को गिरफ्तार किया जा चुका है। अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी, अतुल घाटकंबले को भी हिरासत में लिया गया है।

कब हुआ था पुणे पोर्शे एक्सीडेंट?  

  • पैसे के रसूख के आगे सिस्टम कैसे झुक सकता है, इसकी बानगी पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट मामले में देशभर ने देखी है। यह हादसा 19 मई की रात को हुआ था। जब नशे में धुत किशोर अंधी रफ्तार में कार दौड़ाते हुए नियंत्रण खो बैठा और उसकी पोर्शे ने बाइक सवार 24 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। 
  • आरोपी किशोर, जो पुणे के एक रियल एस्टेट मुगल का बेटा है, ने हादसे से कुछ घंटे पहले दोस्तों को स्कूल परीक्षा पास करने के लिए पार्टी दी थी, सीसीटीवी कैमरों में देखा गया कि जश्न मनाने के लिए वे सभी शहर के पब में बैठकर शराब पी रहे थे। जहां उन्होंने कथित तौर पर करीब 50 हजार रुपए बिल भुगतान किया था। इन नाबालिगों को शराब परोसने वाले बार का लाइसेंस रद्द कैंसिल और परिसर को सील कर दिया गया है।
  • हादसे के बाद जब पुलिस आरोपी किशोर को मजिस्ट्रेट के सामने ले गई तो उससे खानापूर्ति के लिए महज सड़क सुरक्षा पर निबंध लिखवाया गया और 15 घंटे के भीतर ही जमानत पर रिहा कर दिया गया। आरोपी किशोर पिछले महीने एक किशोर गृह से छूटकर बाहर आ चुका है। 

कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठे, पुलिस चीफ ने मानी गलती
एक्सीडेंट के बाद पुलिस पर आरोप लगे कि उसने रसूखदार परिवार के किशोर को बचाने की पूरी कोशिश की और मेडिकल टेस्ट में जानबूझकर देरी की। कुछ दिनों बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और ASI विश्वनाथ टोडकरी के खिलाफ कार्रवाई की गई, क्योंकि उन्होंने नाइट ड्यूटी पर तैनात डीसीपी को पोर्शे एक्सीडेंट की सूचना नहीं दी थी। पुलिस घटना को येरवडा पुलिस स्टेशन में दिखाते हुए किशोर को वहां लेकर चली गई। इस मामले में अब पुलिस ने सबूत नष्ट करने, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और गैर इरादतन हत्या की धाराएं भी जोड़ी हैं। पुलिस चीफ अमितेश कुमार ने माना है कि लोकल पुलिस हादसे के बाद 19 मई की सुबह प्रोटोकॉल फॉलो करने में नाकाम रही। उन्होंने कहा- लेकिन फिर हमने कठोर कार्रवाई की।