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Maharashtra : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को है, लेकिन सीएम पद को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र में अगले 24 से 48 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं।

Maharashtra : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर आज भी सस्पेंस बरकरार हैं, जबकि 5 दिसंबर को सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र में अगले 24 से 48 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं। दिल्ली में चल रही बैठकों के बाद महाराष्ट्र में कुछ बड़ा सियासी उथल-पुथल होने वाली है। यह सब कुछ महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की गैर मौजूदगी में होने वाला है। 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुत नहीं मिला है। यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े के लिए उसे सहयोगियों की जरूरत है। ऐसे में यहां पर शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के साथ गठबंधन को लेकर बीजेपी के भीतर खींचतान चल रही है। 

फाइल फोटो
फाइल फोटो

बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है। वहीं एकनाथ शिंदे की महत्वाकांक्षाएं और नाराजगी बीजेपी के लिए सिरदर्द बनी हुई है। दूसरी ओर अजित पवार का अचानक दिल्ली पहुंचना और बीजेपी नेतृत्व से मुलाकात करना सियासी चर्चाओं को हवा दे रहा है। ऐसे में लगता है कि शिंदे की गैर मौजूदगी में कोई बड़ा सियासी उलटफेर होने वाला है। 

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बीजेपी और एकनाथ शिंदे के बीच टेंशन क्यों है?
सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहते हैं और बीजेपी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। ऐसे में एकनाथ शिंदे द्वारा बैठकों को रद्द करने से बीजेपी के भीतर नाराजगी बढ़ रही है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि शिंदे के रवैया ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उनके दिल्ली नहीं आने की रणनीति और बार-बार बीमार होने के बहाने से बीजेपी नेतृत्व को गहरी चिंता हो रही है। 

Would've brought entire NCP if...,' says Ajit Pawar if he received offer to  become Maharashtra CM - BusinessToday

अजित पवार ‘गेमचेंजर’ रोल में हैं
वहीं एनसीपी नेता अजित पवार गेम चेंजर की भूमिका में है। उनका दिल्ली आना और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करना इस राजनीतिक समीकरण में नया मोड़ ला रहा है। चर्चा है कि अजित पवार एकनाथ शिंदे को किनारे कर बीजेपी को अपना समर्थन देकर डिप्टी सीएम बन सकते हैं। पवार का यह कदम न केवल बीजेपी को बहुमत के करीब ले जाएगा, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में उनके प्रभाव को भी मजबूत करेगा। ऐसे में सवाल है कि क्या देवेंद्र फडणवीस के नाम पर शिंदे की सहमति न मिलने पर बीजेपी उन्हें विकल्प के तौर पर पेश करेगी।

महाराष्ट्र में अगले 48 घंटे अहम हैं
महाराष्ट्र की राजनीति में अगले 48 घंटे काफी अहम होने वाले हैं। इन 48 घंटों में राज्य का राजनीतिक भविष्य तय हो जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, या एकनाथ शिंदे अपने पद पर बने रहेंगे, या अजित पवार इस सियासी खेल को पलट देंगे। अब सबकी नजरें इसी पर टिकी हुई है। अब सब कोई सीएम के नाम का इंतजार कर रहा है।  

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